श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ
भीलवाड़ा के श्री पुराना शहर माहेश्वरी सभा के तत्वावधान में गुरुवार को एक भव्य कलश यात्रा के साथ सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव का शुभारंभ हुआ।
कलश यात्रा दूधाधारी गोपाल मंदिर, सांगानेरी गेट से शुरू हुई और धान मंडी से होकर बड़े मंदिर की बगीची तक पहुंची। शोभायात्रा में महिलाओं ने पीली साड़ियाँ पहनीं और अपने सिर पर 151 गंगाजल से भरे कलश उठाए। कथा वाचक आचार्य शक्ति देव महाराज वृंदावन धाम से रथ में विराजमान थे।
पंडित नरेश शास्त्री ने कलश यात्रा से पहले विधिवत कलश पूजन किया। शोभायात्रा में पुरुषों ने सफेद वस्त्र धारण किए।
कथा के पहले दिन, आचार्य शक्ति देव ने भागवत जी के महत्व का वर्णन किया और धुंधुकारी प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सिंह की गर्जना से मृग कांपते हैं, उसी तरह श्रीमद् भागवत महापुराण की गर्जना से पाप कांपते हैं। इसके श्रवण से पाप नष्ट हो जाते हैं और मुक्ति मिलती है।
श्रीमद् भागवत कथा को “मृत्यु को मंगलमय बनाने वाली” और “जीवन जीने की कला सिखाने वाली” कथा कहा गया।
दूसरे दिन, कथा में महाभारत के परीक्षित जन्म और सुखदेव जी की झांकी का आयोजन होगा। सात दिवसीय कथा 24 जुलाई, बुधवार तक बड़े मंदिर की बगीची में दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक चलेगी।