एक महिला ने एक एएसआई (सहायक उपनिरीक्षक) पर छेड़छाड़ और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। प्रारंभ में, महिला द्वारा थाने में शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। हालाँकि, जब मामला मीडिया में सामने आया, तो ट्रैफिक डीसीपी (उपायुक्त) ने एएसआई को लाइन हाजिर कर दिया और निलंबित कर दिया।
घटना सोमवार की रात की है, जब पीड़ित महिला सरदारपुरा में अपने घर के लिए स्कूटी से जा रही थी। रेलवे कॉलोनी के निकट शराब की दुकान के पास, एक बाइक सवार पुलिसकर्मी ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। उसने महिला को रुकने का इशारा किया और हेलमेट के बारे में पूछताछ की, जिसके चलते उसके मुंह से शराब की तेज गंध आ रही थी।
महिला ने हेलमेट पहनने के लिए माफ़ी मांगी, लेकिन एएसआई ने गुस्से में 5,000 रुपये मांगे, यह कहते हुए कि नहीं तो वह चालान काट देगा। महिला के पैसे नहीं होने पर, एएसआई ने अपनी बाइक से उतरकर उसका हाथ पकड़ लिया। वह घबरा गई और उसने उसकी स्कूटी की चाबी निकालने की कोशिश की, लेकिन स्कूटी इलेक्ट्रिक होने के कारण चाबी नहीं थी।
आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और महिला के बचाव में आए। उन्होंने उसे वहां से जाने दिया। जैसे ही वह थोड़ा आगे बढ़ी, एएसआई तेज गति से आया और उसकी स्कूटी से दो-तीन बार टकराया। महिला असंतुलित हो गई और गिर गई।
पीड़िता ने घटना अपने भाई को बताई, जिसने रातानाडा थाने को फोन किया। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो एएसआई भाग चुका था।
कार्रवाई यातायात पुलिस के एएसआई अमित मीणा के खिलाफ की गई है। 15 जुलाई को घटना की रात ही महिला रातानाडा पुलिस थाने गई और एएसआई के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई। हालाँकि, पुलिस ने उस समय मामला दर्ज नहीं किया और महिला को आश्वासन देकर भेज दिया। 16 जुलाई को भी पीड़िता थाने गई, लेकिन उसे उचित प्रतिक्रिया नहीं मिली।
इसके बाद, महिला ने विरोध जताया और मामला वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंचा। आखिरकार, पुलिस ने एएसआई के खिलाफ पैसे मांगने और वाहन को टक्कर मारने का मामला दर्ज किया।
जब रातानाडा थाना पुलिस ने एएसआई मीणा को थाने बुलाया, तो वह नशे की हालत में पाया गया। पुलिस ने उसका मेडिकल टेस्ट करवाया, जिसमें शराब के नशे की पुष्टि हुई।
डीसीपी (यातायात/मुख्यालय) शरद चौधरी ने कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद, एएसआई को तुरंत लाइन हाजिर कर दिया गया। अब उसे निलंबित करने की प्रक्रिया चल रही है।