राज्य विधानसभा बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता ने एक सरकार चुनी थी, लेकिन यह अब एक सर्कस में बदल गई है।
डोटासरा ने तंज करते हुए कहा, “वे कहते हैं कि यह ‘डबल इंजन’ सरकार है, लेकिन मैं कहता हूं कि यह ‘चार इंजन’ की सरकार है। चार इंजन इस प्रकार हैं: मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों का एक इंजन, कृषि ब्यूरो का एक इंजन, पूर्व मुख्यमंत्री खेमे का एक इंजन और आरएसएस का एक इंजन। ये चारों इंजन अलग-अलग दिशाओं में खींच रहे हैं। यह इंजन धुआं उगल रहा है और अब यह गिरने को है।”
डोटासरा ने यह भी कहा, “मुख्यमंत्री ने पिछले बजट सत्र में मेरे बच्चों के बारे में टिप्पणी करते हुए पूछा था कि वे किस चक्की का आटा खाते हैं जो लगातार इंटरव्यू में अच्छे नंबर लाते हैं। मैं उनके सवाल का जवाब देते हुए कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री जी, आप ही बताएं। आपने किस-किस को कौन-सी चक्की का आटा खिलाया था कि पहली बार विधायक होते हुए भी दिल्ली से आपके नाम की पर्ची खुली।”
सरकार पर आरोप लगाते हुए डोटासरा ने कहा, “मुख्यमंत्री बजट पर सुझाव लेंगे, वित्त मंत्री बजट को अंतिम रूप देंगी, फिर मुख्यमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे जिसमें वित्त मंत्री नहीं बोलेंगी। फिर बजट लागू करने वाली टीम में वित्त मंत्री नहीं रहेंगी। बजट पारित होने से पहले ही मंत्री जिलों में जाकर बजट लागू करने के लिए कहेंगे। कलेक्टर पूछ रहे थे कि क्या लागू किया जाए, बजट तो पारित ही नहीं हुआ है।”
डोटासरा ने “वन स्टेट, वन इलेक्शन” के दावे पर भी सवाल उठाया, “आप ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की बात करते हैं, लेकिन आप अपने गृह जिले भरतपुर में जिला प्रमुख का चुनाव भी नहीं करवा पाए। भादरा में आपने क्या किया? तमाशा लगा रखा है। आपने 13-14 जगह पंचायत और नगर निकायों के उपचुनाव रोक दिए हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिले के जिला प्रमुख विधायक बन गए हैं। आज तक वहां जिला प्रमुख का चुनाव ही नहीं हो पा रहा है। आप भरतपुर में हार रहे हैं। आपने कलेक्टर को जिला प्रमुख का प्रभार दे रखा है। आप पंचायती राज के चुनाव कैसे करवाएंगे?”
उन्होंने आगे कहा, “आप स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को नष्ट कर रहे हैं। आप इन जनप्रतिनिधियों का भट्ठा बैठा रहे हैं। आप भादरा में चुनाव नहीं करवा पा रहे हैं। वहां हार रहे थे तो आपने एसडीएम को छुट्टी पर भेज दिया। आपका पांच साल बाद पता नहीं लगेगा और आप 2047 की बात कर रहे हैं।”
डोटासरा ने सरकार के बजट पर निशाना साधते हुए कहा, “यह बजट हमारी सरकार के पुनर्निर्माण का बजट है। अभी तक आपके पास केंद्र का बजट नहीं आया है। इससे पहले ही आप बजट ले आए। अब वही अधिकारी, वही लैपटॉप और कंप्यूटर, वही सोच। आप नया बजट कहां से लाएंगे? आपने बस एक बदलाव किया है। बजट में लिख दिया है ‘उप मुख्यमंत्री वित्त दीया कुमारी’। उप मुख्यमंत्री वित्त कोई पद नहीं होता है। मुख्यमंत्री होते हैं या मंत्री होते हैं।”
सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, “आलोचना करने भर से काम नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री कुछ कह रहे हैं और उप मुख्यमंत्री कुछ कह रही हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि हमारे 45% वादे पूरे हो गए हैं। उप मुख्यमंत्री कह रही हैं कि 45 वादे पूरे हो गए हैं। दोनों तय कर लीजिए कि सही क्या है? आपस में सामंजस्य बिठा लीजिए, नमस्ते कर लीजिए, चर्चा कर लीजिए।”
डोटासरा ने कहा, “राजस्थान इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। आप छह महीने में ही फेल हो गए हैं। आपने कई तरह के आरोप लगाए थे। पेपर लीक हो गया, यह हो गया। इस तरह के जुमलों से आप सत्ता में आ गए।”
अंत में, डोटासरा ने संसदीय कार्य मंत्री की आलोचना करते हुए कहा, “राजस्थान में परंपरा रही है कि मुख्यमंत्री के विभागों के सवालों का जवाब संसदीय कार्य मंत्री देते हैं। लेकिन हमारे संसदीय कार्य मंत्री को तो इस लायक ही नहीं समझा गया। मुख्यमंत्री जोधपुर गए और संसदीय कार्य मंत्री कह रहे थे कि उन्हें वहां एयरपोर्ट के अंदर नहीं जाने दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक-एक लाख की थैली देने वालों से मिलते हैं। संसदीय कार्य मंत्री अच्छे मित्र हैं, उनकी बेइज्जती हुई तो दो बात कह दीं। बुरा लगा तो वापस ले लेता हूं।”
