आज आमेट नगर में युगप्रधान आचार्य महाश्रमण की आज्ञाकारी शिष्या, साध्वी विशद प्रज्ञा का आगमन चतुर्मास के लिए हुआ। नगर में उनके मंगल प्रवेश को एक रैली का रूप दिया गया। यह रैली नगर के प्रमुख मार्गों – विवेकानंद कॉलोनी, बस स्टैंड, लक्ष्मी बाजार, बैंक रोड, सब्जी मार्केट, जवाहर नगर से होते हुए तेरापंथ भवन तक निकाली गई।

प्रवेश के अवसर पर तेरापंथ सभा, महिला मंडल, युवक परिषद और कन्या मंडल के सदस्य तथा स्थानीय नागरिक मौजूद थे। तेरापंथ भवन में स्वागत अभिनंदन गीतों से हुआ, जिसमें “नमस्कार महामंत्र” भी शामिल था। महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण किया गया।

इस दौरान अपने प्रवचन में साध्वी विशद प्रज्ञा ने कहा कि जीवन एक सरिता की तरह बहता है। संयम, त्याग और धर्म का बांध लगाना आवश्यक है। संतों का आगमन इसीलिए होता है। संत वसंत ऋतु के समान होते हैं।

साध्वी प्रशम यशा, साध्वी मनन यशा और साध्वी मंदार प्रभा ने गीतों के माध्यम से चतुर्मास के कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में स्वागत अभिनंदन तेरापंथ सभा के निवर्तमान अध्यक्ष देवेंद्र मेहता, वर्तमान अध्यक्ष यशवंत कुमार चोरड़िया, JTN प्रतिनिधि पवन कच्छारा, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष संगीता पामेचा और मंडल के अन्य सदस्यों द्वारा किया गया।

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