पुरानी कारों पर कर बढ़ोतरी के विरोध में कार-डीलर्स का आंदोलन, मांग- ‘वन नेशन, वन टैक्स’, सीकर आरटीओ घेराव से होगी शुरुआत

राजस्थान बजट में अन्य राज्यों से खरीदी गई कारों के स्थानांतरण और पुनः पंजीकरण शुल्क में अत्यधिक वृद्धि के विरोध में प्रदेश भर के कार डीलर सड़कों पर उतर आए हैं।

ऑल राजस्थान वाहन व्यापार संगठन (पुरानी कारें) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन सौंपकर टैक्स में राहत की मांग की है। इस संबंध में जयपुर में आयोजित बैठक में उपस्थित सैकड़ों डीलरों ने एक स्वर में पुराने टैक्स दरों को बहाल करने की मांग की और चेतावनी दी कि राज्य सरकार द्वारा अगले 15 दिनों में सकारात्मक निर्णय नहीं लिए जाने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।

संगठन के संयोजक रजत छाबड़ा ने कहा कि अन्य राज्यों में खरीदी गई कारों के राजस्थान में पंजीकरण के लिए चुकाए जाने वाले एकमुश्त टैक्स और ग्रीन टैक्स पहले से ही देश में सबसे अधिक थे। अब बजट में इन करों को तीन गुना बढ़ा दिया गया है, जिससे पुरानी कारों के पंजीकरण शुल्क में भारी वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि जब तक राज्य सरकार कर वृद्धि को वापस नहीं लेती, तब तक प्रदेश के किसी भी आरटीओ में पुरानी कारों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। आंदोलन की शुरुआत 17 जुलाई को सीकर में आरटीओ कार्यालय की घेराबंदी से होगी।

संगठन के प्रदेश प्रवक्ता महेश पारीक ने बताया कि प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 300 अन्य राज्यों से खरीदी गई कारों का पंजीकरण होता है, जिससे राज्य सरकार को लगभग 2.5 करोड़ रुपये राजस्व मिलता है। उन्होंने कहा कि टैक्स वृद्धि से प्रदेश के 30,000 कार डीलर प्रभावित होंगे।

श्रीगंगानगर कार एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन कुटवानी ने कहा कि इस टैक्स में वृद्धि से अन्य राज्यों के वाहनों का पंजीकरण बंद हो जाएगा, जिससे राज्य सरकार को सालाना 600 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

इस मांग को लेकर प्रदेश भर के डीलरों ने श्रीगंगानगर, जोधपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़, अजमेर और भीलवाड़ा में प्रदर्शन किए हैं और प्रभारी मंत्रियों और जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपे हैं।

बैठक के बाद सर्वसम्मति से रजत छाबड़ा को कार्यवाहक अध्यक्ष घोषित किया गया। बैठक में आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए 21 सदस्यीय संघर्ष समिति का भी गठन किया गया।

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