प्रतापगढ़: जंगलों में अरबों की एमडी ड्रग फैक्ट्री, हथियारबंद तस्कर रखवाली करते।

राजस्थान: एमडी ड्रग तस्करों का नया ठिकाना, प्रतापगढ़ के जंगलों में पनप रहा नशे का कारोबार

प्रतापगढ़: पश्चिमी राजस्थान से खदेड़े जाने के बाद एमडी ड्रग तस्करों ने अब प्रतापगढ़ के जंगलों में अपना ठिकाना बना लिया है। यहां एमडी बनाने वाली फैक्ट्रियां लगाई जा रही हैं और करोड़ों रुपये के नशे का स्टॉक जमा किया जा रहा है। इन गोदामों में भारी मात्रा में हथियार भी रखे गए हैं। तस्कर जरूरत पड़ने पर किसी की जान लेने से भी नहीं हिचकिचा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में प्रतापगढ़ क्षेत्र से तस्कर पूरे देश में एमडी की मांग को पूरा कर रहे हैं। हाल ही में भोपाल (मध्य प्रदेश) में पकड़ी गई 1800 करोड़ रुपये से ज्यादा की एमडी ड्रग का सीधा संबंध इस क्षेत्र से सामने आया है। पिछले तीन महीनों में इस क्षेत्र से अरबों रुपये की एमडी ड्रग बनाकर सप्लाई की जा चुकी है।

इतना ही नहीं, देशभर में ड्रग की तस्करी का रूट भी बदला है। अब गुजरात की बजाय भोपाल से सप्लाई चेन बनाई जा रही है।

अफीम तस्करी के गढ़ में एमडी की फैक्ट्रियां

प्रतापगढ़ में अफीम का उत्पादन काफी ज्यादा होता है। यह इलाका अफीम तस्करी के लिए पहले से ही कुख्यात है। अब यहां तस्करों को अफीम से ज्यादा एमडी ड्रग में फायदा नजर आ रहा है। अफीम तस्करी का नेटवर्क ही एमडी ड्रग के लिए काम आ रहा है।

जानकारी के अनुसार, एक साल पहले तक पश्चिमी राजस्थान से करोड़ों रुपये की एमडी बनकर गुजरात और महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों में जा रही थी। अब प्रतापगढ़ से दोगुना डिमांड के साथ एमडी ड्रग सप्लाई की जा रही है। सबसे ज्यादा तस्कर अरनोद और देवल्दा में सक्रिय हैं।

लगातार छापेमारी के बाद तस्करों ने अपना रूट भी बदल दिया है। प्रतापगढ़ की फैक्ट्रियों में बनकर तैयार एमडी ड्रग पहले भोपाल भेजी जा रही है, फिर वहां से अन्य रास्तों से गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में भेजी जा रही है।

मामला-1: पोल्ट्री फार्म में पकड़ी गई ड्रग्स

6 अप्रैल 2025 को प्रतापगढ़ के अरनोद थाना पुलिस ने झेल नोगांवा क्षेत्र में एक पोल्ट्री फार्म पर छापा मारा। मुर्गियों की आड़ में वहां नशे का बड़ा कारोबार देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। उस फार्म को एमडी का एक बड़ा गोदाम बना रखा था। पुलिस को उस गोदाम से 1 किलो 650 ग्राम एमडी ड्रग, 3 किलोग्राम क्रिस्टल पाउडर, 1 किलोग्राम सफेद नशीला पाउडर मिला, जिसकी कीमत करीब 4 करोड़ रुपये आंकी गई थी। फार्म से दो बंदूक, पिस्टल और 141 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए। पुलिस ने मौके से फरदीन खान पठान को गिरफ्तार किया।

मामला-2: फार्म हाउस में दबिश, पकड़ी 40 करोड़ की नशे की खेप

16 दिसंबर 2024 को प्रतापगढ़ के देवल्दा गांव के एक फार्म हाउस पर एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) की टीम ने दबिश दी और वहां से 40 करोड़ रुपये की एमडी बरामद की। टीम ने इसके मालिक याकूब गुल, जमशेद गुल और साहिल को पकड़ा था। पूछताछ में पता चला कि तीनों तस्करों के तार भोपाल में पकड़ी गई 1800 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग से जुड़े थे। इस पूरे एमडी ड्रग गिरोह को शोएब लाला ऑपरेट कर रहा था।

मामला-3: पश्चिम राजस्थान में भी अब प्रतापगढ़ से हो रही सप्लाई

जोधपुर डीएसटी टीम ने 16 अक्टूबर 2024 को भोपालगढ़ क्षेत्र में श्रवण, महिराम और इंद्र विश्नोई को गिरफ्तार किया था और उनके पास से 118.8 ग्राम एमडी ड्रग बरामद की थी। पूछताछ में सामने आया कि तीनों जोधपुर क्षेत्र में एमडी के पैडलर थे और ये लोग प्रतापगढ़ से एमडी ड्रग लाकर सप्लाई कर रहे थे।

तस्करों का नेटवर्क पहले से देशभर में फैला हुआ है: एसपी विनीत कुमार बंसल ने बताया कि प्रतापगढ़ और इसके आस-पास का क्षेत्र अफीम उत्पादन क्षेत्र है। यहां के तस्करों का नेटवर्क पहले से देशभर में फैला हुआ है। अब इन लोगों को अफीम और हेरोइन से ज्यादा एमडी ड्रग में फायदा नजर आ रहा है।

मई 2024 के बाद पश्चिमी राजस्थान में एमडी ड्रग की फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया था। महाराष्ट्र में छापेमारी के बाद वहां के ड्रग माफियाओं ने उत्तर भारत के राज्यों में डेरा जमाना शुरू कर दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *