विवादित अपार्टमेंट में नेता पुत्र का प्रवेश, महिला आईएएस जाँच के घेरे में।

राजधानी में विवादित हाउसिंग बिल्डिंग में नेता पुत्र ने खरीदा लग्जरी अपार्टमेंट

जयपुर: राजधानी में एक लग्जरी हाउसिंग बिल्डिंग को लेकर सियासी गलियारों में फिर से चर्चा शुरू हो गई है। पूर्ववर्ती सरकार के समय में यह बिल्डिंग विवादों में रही थी और चुनावी मुद्दा भी बनी थी। बाद में इसी बिल्डिंग को क्लीन चिट भी मिल गई थी। अब सत्ताधारी पार्टी के एक बड़े नेता के बेटे ने इसी बिल्डिंग में करोड़ों रुपये का लग्जरी अपार्टमेंट खरीदा है। नेता पुत्र अब इसके स्थायी निवासी बन चुके हैं। सियासी गलियारों में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

महिला आईएएस अधिकारियों के बीच शीत युद्ध में आया बदलाव, जांच के आदेश के बाद जूनियर आईएएस के बदले तेवर

स्वास्थ्य विभाग में सीनियर और जूनियर महिला आईएएस अधिकारियों के बीच लंबे समय से चल रहा शीत युद्ध अब थमता हुआ दिखाई दे रहा है। जूनियर आईएएस के तेवर अचानक ठंडे पड़ गए हैं और वे सीनियर आईएएस की अध्यक्षता वाली बैठकों में भी जा रही हैं। इस बदलाव के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण बताया जा रहा है। दरअसल, विभाग से जुड़े एक टेंडर मामले में जूनियर आईएएस के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं और जांच की जिम्मेदारी सीनियर आईएएस को सौंपी गई है।

विपक्षी दल के नेताओं ने आधी रात को सत्ताधारी नेताओं से की बात, संगठन मुखिया ने उठाए सवाल

विपक्षी दल के संगठन मुखिया ने हाल ही में सार्वजनिक मंच से अपनी ही पार्टी के नेताओं पर सत्ताधारी दल से मिले होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आधी रात को सत्ताधारी नेताओं से बात करने वालों की पार्टी को जरूरत नहीं है। इस बयान के बाद से ही सियासी अटकलों का बाजार गर्म है और कई नेताओं के चेहरे देखने लायक थे।

विपक्षी संगठन मुखिया के कार्यक्रम से विधायक नदारद, अंदरूनी कलह उजागर

विपक्षी संगठन मुखिया और नेता प्रतिपक्ष के गोडवाड़ के दौरे के दौरान पार्टी कार्यालय के उद्घाटन में उस जिले के दोनों विधायक नदारद रहे। बताया जा रहा है कि दोनों विधायक पूर्व मुखिया के विरोधी खेमे से हैं और कार्यक्रम में पूर्व मुखिया के बेटे का नाम प्रमुखता से लिखे होने के कारण नाराज थे।

नदियों को बांधने वाले विभाग में प्रमोशन में जादूगरी, इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वालों में आक्रोश

नदियों के पानी को बांधकर रखने वाले विभाग में प्रमोशन को लेकर भारी विवाद हो रहा है। आरोप है कि प्रमोशन में नियमों का उल्लंघन किया गया है। इंजीनियरिंग डिग्रीधारी जूनियर इंजीनियरों को डेपुटेशन पर भेजकर डिप्लोमाधारियों को प्रमोशन दिया गया है। इस मामले को शीर्ष स्तर तक पहुंचाया गया है।

शहरी निकायों की गुपचुप भर्ती पर उठे सवाल, मंत्री तक को नहीं थी जानकारी

प्रदेश के शहरी निकायों में खाली पदों पर इंटरव्यू के माध्यम से हुई भर्ती को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि तीन दिनों में ही हजारों इंटरव्यू पूरे कर भर्ती कर ली गई। यहां तक कि विभाग के मंत्री को भी इसकी जानकारी नहीं थी। भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठने के बाद जागरूक नागरिक और भर्ती के दावेदार शिकायतें कर रहे हैं।

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