आमेर-हवा महल गाइडों का विरोध प्रदर्शन, मासिक भत्ता-पेंशन की मांग।

जयपुर: आर्थिक तंगी से जूझ रहे पर्यटक गाइडों का प्रदर्शन, बांहों पर काली पट्टी बांधकर करेंगे सेवाएं

जयपुर, [दिनांक]: प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों आमेर, जंतर-मंतर, हवा महल समेत अन्य स्मारकों पर पर्यटक गाइड अब काली पट्टी बांधकर अपनी सेवाएं देंगे। यह प्रदर्शन आर्थिक तंगी और जीवन यापन से जुड़ी समस्याओं को लेकर पर्यटकों और राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जा रहा है।

ऑल राजस्थान लोकल व स्टेट पर्यटक गाइड यूनियन के संयोजक रवि धाभाई ने बताया कि आगामी पर्यटक सीजन में प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई जा रही है। यूनियन पिछले चार वर्षों से गाइडों की संविदा पर नियुक्ति, पेंशन और मेडिकल सुविधाओं की मांग को लेकर संघर्ष कर रही है।

धाभाई ने कहा कि गाइड कंधे पर काली पट्टी बांधकर सभी स्मारकों पर अपनी सेवाएं देंगे ताकि केंद्र और राज्य सरकार उनकी मांगों पर समय रहते सुनवाई कर सके। उन्होंने पर्यटक गाइडों की समस्याओं के निवारण और पर्यटकों से जेन्युइन चार्ज लिए जाने की भी बात कही। उन्होंने सुझाव दिया कि यह राशि सरकारी राजकोष में जमा होनी चाहिए जिससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी और पर्यटकों को राजस्थान के इतिहास की बेहतर जानकारी मिल सकेगी।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक पर्यटक के लिए गाइड तय होना चाहिए। इससे न केवल राजस्व में बढ़ोतरी होगी बल्कि कानूनी रूप से लपकों से भी छुटकारा मिलेगा।

धाभाई ने सरकार से मासिक भत्ता और पेंशन योजना लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि 55 या 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर रिटायरमेंट के बाद पेंशन योजना लागू की जानी चाहिए ताकि जीवन यापन पर संकट न आए। उन्होंने राजस्थान पर्यटक गाइडों को आरजीएचएस एवं निशुल्क परिवहन सेवा प्रदान करने की भी मांग की।

यूनियन के अध्यक्ष धारा गुर्जर ने कहा कि जिला स्तर के लोकल लाइसेंस टूरिस्ट गाइड्स, जिन्होंने 15 साल सेवाएं दी हैं, उन्हें पूरे राजस्थान में पर्यटकों को घुमाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने पर्यटन नीति में संशोधन करने और ग्रीन कार्ड धारकों को पीला कार्ड जारी करने की भी मांग की।

गुर्जर ने सरकार से सभी स्मारकों पर रोस्टर प्रणाली लागू कर गाइडों के लिए समान काम सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

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