खान धारकों को राहत: पर्यावरण स्वीकृति समय-सीमा 31 मई तक बढ़ी।

राजस्थान सरकार का खनन व्यवसायियों को तोहफा, पर्यावरण स्वीकृति की अंतिम तिथि दो माह बढ़ाई

जयपुर, [आज की तारीख] | राजस्थान सरकार ने खनन क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों को बड़ी राहत देते हुए क्वारी लाइसेंसधारकों के लिए पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने की अंतिम तिथि को दो महीने के लिए बढ़ा दिया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और पर्यावरणीय मानकों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

खान विभाग के अनुसार, पहले यह अंतिम तिथि 31 मार्च, 2025 थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मई, 2025 कर दिया गया है। इससे प्रदेश के हजारों खनन धारकों को आवश्यक दस्तावेज तैयार करने और प्रक्रिया पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है।

चित्तौड़गढ़ में लगभग 1500 क्वारी लाइसेंसधारक हैं, जिनमें से 1300 ने पहले ही निर्धारित फॉर्म भर दिए हैं। खान विभाग के माइनिंग इंजीनियर आहत शाम सिद्दीकी ने बताया कि राज्य स्तर से पुनर्मूल्यांकन के लिए भेजे गए 900 पर्यावरण स्वीकृति फॉर्म वापस आ गए हैं, और प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

उल्लेखनीय है कि खनन परियोजनाओं के लिए पर्यावरण संबंधी स्वीकृतियां 2016 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की पर्यावरण समिति द्वारा दी गई थीं, जिनकी वैधता 31 मार्च, 2025 तक थी। समय पर प्रक्रिया पूरी न होने के कारण कई खनन धारक पर्यावरणीय अनुमतियों में पिछड़ रहे थे।

राज्य सरकार ने खान धारकों की समस्याओं को समझते हुए यह निर्णय लिया है। इससे उन खनन धारकों को विशेष लाभ होगा जिनके दस्तावेज अभी भी प्रक्रिया में हैं या जो किसी कारणवश समय पर आवेदन नहीं कर सके थे।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि खान विभाग राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (SEIAA) के साथ लगातार समन्वय बनाकर काम कर रहा है, ताकि पर्यावरणीय स्वीकृतियों का काम तेज और पारदर्शी हो सके। विभाग ने लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने के निर्देश दिए हैं।

यह निर्णय विशेष रूप से छोटे खनन धारकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा, जो सीमित संसाधनों के कारण समय पर पर्यावरणीय दस्तावेज तैयार नहीं कर पाते हैं।

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