भीलवाड़ा: नफ़रत को प्रेम में बदलने का 356 बार प्रयास करें – राष्ट्र संत

राष्ट्रसंत ललितप्रभ सागर महाराज का प्रवचन: प्रेम को नफरत में बदलने का मौका न दें, लोगों से करें प्यार, वस्तुओं का इस्तेमाल

भीलवाड़ा, [दिनांक]: राष्ट्रसंत ललितप्रभ सागर महाराज ने गुरुवार को टाउन हॉल में सत्संग समिति द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रवचन माला के समापन पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमें वर्ष के 365 दिन यह प्रयास करना चाहिए कि यदि कोई हमसे नफरत करता है, तो वह प्रेम में परिवर्तित हो जाए। लेकिन प्रेम को कभी भी नफरत में बदलने का अवसर नहीं देना चाहिए।

महाराज ने जीभ से होने वाली चोट पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि जीभ पर लगी चोट सात दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन जीभ से लगी चोट को ठीक होने में सत्तर दिन भी कम पड़ सकते हैं। उन्होंने स्वयं के समीक्षण द्वारा रूपांतरण पर बल देते हुए कहा कि दूसरों की आत्मकथाएं पढ़ने के साथ-साथ अपनी भी आत्मकथा लिखें, जिससे चमत्कारी परिवर्तन आएगा।

संत ने प्रेम, सम्मान और मधुरता से जीवन भरने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जिनसे हम प्यार करते हैं, उनकी देखभाल करें, उन्हें सम्मान दें और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। उन्होंने लोगों से प्रेम करने और वस्तुओं का इस्तेमाल करने की सलाह दी। महाराज ने कहा कि संबंध व्यक्ति से जोड़ना चाहिए, व्यक्ति के स्तर से नहीं।

उन्होंने इंसान के जीवन को छह तार वाले गिटार की तरह बताया और लोगों से अपने शरीर, मन, आत्मा, घर, व्यापार और समाज में संतुलन स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इंसान की पहचान अच्छे कर्मों से होती है, अच्छी बातों से नहीं।

राष्ट्रसंत ने उपस्थित श्रद्धालुओं को मुस्कुराता हुआ चेहरा रखने और अवसरवादी न बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमेशा मित्र बनकर सुख-दुख में साथ दें और लोगों को खुशियां बांटें।

कार्यक्रम का संचालन सुमन सोनी ने किया। कार्यक्रम में विधायक अशोक कोठारी, सागरमल पनगड़िया, महावीरसिंह चौधरी, सुरेंद्रसिंह सुराणा सहित शहर के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

आज शुक्रवार को राष्ट्रसंत ललितप्रभ सागर महाराज हैदराबाद चातुर्मास के लिए भीलवाड़ा से प्रस्थान करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *