पाली के आलू से अमेरिकी कंपनी बनाएगी चिप्स, किसान ने कमाए लाखों

## पाली: बेटे ने छोड़ा बिजनेस का सपना, आलू की खेती से अमेरिका तक चिप्स का सफर

पाली, राजस्थान: पाली जिले के 27 वर्षीय प्रियांक सुराणा ने अपने पिता का बिजनेसमैन बनने का सपना छोड़कर खेती की राह चुनी और आज उनकी मेहनत रंग ला रही है। आलू की उन्नत खेती से प्रियांक न केवल अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि उनके खेत में उगाए गए आलू से अब अमेरिका की एक कंपनी चिप्स बना रही है।

प्रियांक के पिता, संजय सुराणा, चाहते थे कि उनका बेटा बिजनेस संभाले, लेकिन प्रियांक का रुझान कृषि की ओर हो गया। कोरोना काल में मुंबई में इंटर्नशिप के दौरान लोगों को कमजोर इम्यूनिटी के कारण मरते देख, प्रियांक ने शुद्ध भोजन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता महसूस की।

प्रियांक ने कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर आलू की खेती शुरू की। उन्होंने जमीन को खेती लायक बनाया, बोरवेल और ड्रिप सिस्टम लगवाया। 2023 में उन्होंने 3 बीघा खेत में आलू की बंपर फसल ली, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ।

उनकी सफलता को देखते हुए एक चिप्स बनाने वाली बड़ी कंपनी ने उनसे संपर्क किया। अब प्रियांक के खेत में उगाए गए आलू से अमेरिका में चिप्स बन रहे हैं। प्रियांक ने बताया कि खरीदार कंपनियां खुद उनके खेत तक पहुंचकर आलू खरीद रही हैं।

प्रियांक अब गांव के माहौल में एक रिसोर्ट का निर्माण कर एग्रो टूरिज्म के क्षेत्र में भी कदम रख रहे हैं। आलू की सफल खेती के बाद वे ऑर्गेनिक तरीके से गेहूं, सब्जियां और फल उगाने पर भी काम कर रहे हैं।

प्रियांक ने अपनी पढ़ाई मुंबई से पूरी की और डिजिटल मार्केटिंग में इंटर्नशिप भी की, लेकिन उनका मन हमेशा खेती में लगा रहा। उन्होंने बताया कि उनके पिता रियल एस्टेट डेवलपर हैं और चाहते थे कि वे उनका बिजनेस संभालें, लेकिन उनकी जिद के आगे वे झुक गए।

उन्होंने खेती के लिए जमीन तैयार की, बोरवेल और ड्रिप सिस्टम लगवाए और हरी सब्जियां उगाईं। इसके बाद, कृषि वैज्ञानिक आरके सोलंकी की सलाह पर उन्होंने आलू की खेती शुरू की।

2024 में उन्होंने 10 बीघा में आलू की खेती की, जिससे उन्हें लगभग 80 हजार किलोग्राम आलू का उत्पादन मिला। कंपनी ने उनसे 13 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से आलू खरीदे, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ।

प्रियांक ने बताया कि कंपनी ने उन्हें आलू के बीजों की बुवाई और आलू निकालने के लिए दो मशीनें भी दी हैं। वे आलू को गुजरात के डीसा में स्थित कोल्ड स्टोरेज में भेजते हैं, जिसका खर्चा भी कंपनी उठाती है।

प्रियांक अब एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहते हैं और गांव में एक एग्रो रिसोर्ट बना रहे हैं, जहां लोगों को शुद्ध वातावरण में वक्त बिताने का मौका मिलेगा और खेत में उगी ऑर्गेनिक सब्जियां और गेहूं से बना भोजन मिलेगा।

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