कनकटी बाघिन ने रणथंभौर में बच्चे का किया शिकार।

रणथंभौर में बाघ का हमला: त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास 7 वर्षीय बच्चे की मौत, मंदिर में प्रवेश पर रोक

सवाई माधोपुर, [दिनांक]: रणथंभौर टाइगर रिजर्व में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना में 7 वर्षीय कार्तिक सुमन की बाघ के हमले में मौत हो गई। इस घटना के बाद वन विभाग ने रणथंभौर दुर्ग और त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर अगले पांच दिनों के लिए रोक लगा दी है।

प्रारंभ में, यह आशंका जताई जा रही थी कि टाइग्रेस टी-120 ने बच्चे पर हमला किया है, लेकिन बाद में यह खुलासा हुआ कि हमला दो साल की टाइग्रेस ‘कनकटी’ ने किया था। इस रूट पर पहले कभी बाघ के हमले की कोई घटना सामने नहीं आई थी, जिससे स्थानीय लोगों और अधिकारियों में चिंता का माहौल है।

सूत्रों के अनुसार, बूंदी के देईखेड़ा से एक परिवार गणेश मंदिर में शादी का कार्ड देने आया था। परिवार के साथ कार्तिक भी था। मंदिर से लौटते समय, लगभग 300 मीटर की दूरी पर टाइग्रेस ने उस पर हमला कर दिया और उसे लगभग 100 फीट तक घसीट कर ले गई।

डीएफओ रामानंद भाकर ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और ट्रैकिंग शुरू की। खून के धब्बे मिले और बच्चे को घटनास्थल से 100 फीट दूर पहाड़ी इलाके में पाया गया। उस समय टाइग्रेस बच्चे के पास ही बैठी हुई थी। कर्मचारियों ने सावधानीपूर्वक बच्चे को वहां से निकाला।

अधिकारियों के अनुसार, हमलावर टाइग्रेस, टी-84 और टी-120 की बेटी है। स्थानीय लोग और वन विभाग के कर्मचारी उसे ‘कनकटी’ के नाम से जानते हैं, क्योंकि उसके एक कान पर कट का निशान है।

वन्यजीव प्रेमी धर्मेंद्र खांडल का कहना है कि टाइग्रेस का स्वभाव उग्र होता जा रहा है। कुछ दिन पहले, उसने एक केटल गार्ड पर भी हमला कर दिया था। डीएफओ का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि टाइग्रेस उग्र स्वभाव की है।

अधिकारियों का मानना है कि टाइग्रेस अपना इलाका तलाश रही है और उसका ज्यादातर मूवमेंट रणथंभौर किले के आसपास हो रहा है।

टाइगर वॉच के फाउंडर धर्मेंद्र खांडल ने बताया कि इस मार्ग और किले के पास कुल 14 बाघ हैं, जिससे यहां पैदल जाने वाले लोगों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है।

सीसीएफ अनूप का कहना है कि बाघ का व्यवहार अप्रत्याशित होता है और हमले की ठोस वजह बताना मुश्किल है।

इस घटना के बाद, मंदिर तक शटल सेवा शुरू करने की योजना है, ताकि पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *