गौर-ईशर की सभी सवारियाँ पहली बार एक साथ निकलीं, गांधी चौक पर एकत्रित हुईं।

नागौर में गणगौर पर्व पर ऐतिहासिक मिलन, पहली बार सभी समाजों की गौर-ईशर सवारियां एक साथ निकलीं

नागौर, [दिनांक] | गणगौर के पावन पर्व पर आज नागौर शहर ने एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। शहर में पहली बार सभी समाज और मंदिरों की गौर-ईशर की सवारियां गांधी चौक में एक साथ एकत्रित हुईं, जिसके बाद वे बख्तासागर तालाब तक एक ही मार्ग से निकलीं। इससे पहले, सभी सवारियां अपने-अपने रास्तों से सीधे बख्तासागर तालाब पहुंचती थीं।

एक साथ निकलीं सभी गौर-ईशर की झांकियों को देखने के लिए पूरे नागौर शहर से लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। सवारी मार्ग में लोगों ने जगह-जगह स्वागत किया।

शाम साढ़े 6 बजे बाद 100 किलो चांदी से तैयार गणगौर की पारंपरिक शाही सवारी अहिछत्रपुर दुर्ग से निकली। सभापति मीतू बोथरा ने शाही सवारी की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष हनुमान बांगड़ा भी उपस्थित रहे। गाजे-बाजे के साथ निकली सवारी के आगे युवतियां और महिलाएं नृत्य करती हुई चल रही थीं।

सदर बाजार, मच्छियों का चौक, सिंघवियों की पोल, लोढ़ो का चौक और माही दरवाजे पर महिलाओं ने कतारबद्ध होकर गौर-ईशर की सवारी का भव्य स्वागत किया। बख्तासागर तालाब पहुंचकर महिलाओं ने ईशर-गणगौर की पूजा-अर्चना कर उन्हें पानी पिलाया।

शहर के विभिन्न हिस्सों से निकली गणगौर की सवारियां गांधी चौक से एक ही मार्ग होकर बख्तासागर तालाब पहुंचीं। विवाहिताओं और युवतियों ने गणगौर का पूजन किया, ईशर-गणगौर को जिमाया और जल पिलाया। इसके बाद गणगौर को विदा किया गया। बख्तासागर तालाब की पाल पर मेला लगा, जहां लोगों ने खरीददारी की और चाट-आइसक्रीम का आनंद लिया।

शहर के कलावती देवी शंकरलाल बहड़ ट्रस्ट, पुष्करणा समाज, नवयुवक मंडल खटीक समाज, गांछा समाज, ब्राह्मण स्वर्णकार समाज, अरोड़ा खत्री समाज, मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज, जगदीश भगवान मंदिर, कंसारा समाज महिला मंडल समेत विभिन्न स्थानों से पारंपरिक परिधानों में सजे गौर-ईशर बैंड बाजे के साथ निकले। महिलाओं ने मंगल गीत गाए।

सुरक्षा व्यवस्था के लिए एएसपी सुमित कुमार व एसडीएम गोविंद सिंह भींचर के नेतृत्व में पुलिस व प्रशासन की व्यवस्था चाक-चौबंद रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *