कोचिंग नियामक आयोग के खिलाफ महासंघ का आंदोलन का ऐलान

राजस्थान: कोचिंग नियामक आयोग के विरोध में उतरे कोचिंग संचालक, सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम

जयपुर, : राजस्थान में प्रस्तावित कोचिंग नियामक आयोग के खिलाफ कोचिंग संचालकों ने मोर्चा खोल दिया है। ऑल कोचिंग इंस्टीट्यूट महासंघ ने इसे अव्यावहारिक बताते हुए सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है।

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनीष कुमार नाडार ने कहा कि वर्तमान प्रस्ताव के अनुसार कोई भी कोचिंग संचालक नियमों का पालन नहीं कर पाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बेरवा, एवं मुख्य सचिव सुधांशु पंत को ज्ञापन भेजकर नियमों में बदलाव की मांग की है।

नाडार ने कहा कि सरकार लॉकडाउन के समय की शर्तों को लागू करना चाहती है, जो व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि इन नियमों के अनुसार तो कोचिंग संचालन के लिए स्वयं भगवान को भी आना पड़ेगा। महासंघ ने कोचिंग हब और नियामक आयोग में कोचिंग विरोधी बिंदुओं को हटाने की मांग की है।

महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार 10 दिन में उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है, तो वे अनशन पर बैठने को बाध्य होंगे। मंगलवार को महासंघ ने राजस्थान आवासन मंडल की आयुक्त रश्मि शर्मा को ज्ञापन सौंपा। नाडार ने कोचिंग हब को सफल बनाने के लिए ठोस प्रयास न होने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण वे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

महासंघ के राष्ट्रीय सचिव डॉ. सिराज खान ने कहा कि कोचिंग संस्थान सरकार को भारी भरकम टैक्स देते हैं और समाज उत्थान के कार्यों में सहयोग करते रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस स्वजनित रोजगार को और अधिक मजबूत बनाने का आग्रह किया।

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