जिला परिषद ने 110 गांवों में हैंडपंप लगाने के लिए 1.45 करोड़ रुपये मंजूर किए।

बांसवाड़ा: पेयजल संकट से निपटने के लिए 110 गांवों में खुदेंगे 187 हैंडपंप

बांसवाड़ा, [आज की तारीख] | जिले में पेयजल संकट से जूझ रहे गांवों को राहत देने के लिए जिला परिषद ने बड़ा फैसला लिया है। परिषद ने विभिन्न पंचायत समितियों के 110 गांवों में 1.45 करोड़ रुपए की लागत से 187 नए हैंडपंप खनन करने की मंजूरी दी है।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गोपाललाल स्वर्णकार ने बताया कि पंचायत समितियों को हैंडपंप खनन के लिए कार्यकारी एजेंसी बनाया गया है। आगामी तीन-चार दिनों में हैंडपंपों का खनन कार्य शुरू हो जाएगा।

स्वीकृत योजना के तहत ग्राम पंचायत बिछावाड़ा, बोरदा, छींच, चौखला, माकोद, सेवना, बावलिया पाडा, झींकली, चांदरवाड़ा, मुंद्री, फलवा, काजलिया, कटुम्बी, भीमपुरा, सारण, पोटलिया, नाहरपुरा, सुंद्राव बोरवानिया, रतनपुरा, बोरदा, मोना डूंगर, हांडी, लंकाई, ढालर, खूंटी बिजिया, सालिया, पालोदा, पनासी छोटी, पाराहेडा, अडोर, बड़गांव, गडुली, झुपेल, सियापुर, नवागांव, लीमथान, झड़स आदि में हैंडपंप लगाए जाएंगे। पंचायत समितियों को हैंडपंप खनन के वर्क ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं या किए जा रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक हैंडपंप की लागत 70 हजार से 90 हजार रुपए तक होगी। गहराई के अनुसार लागत का निर्धारण किया गया है। गनोड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बिछीवाड़ा में कम गहराई पर भूजल उपलब्ध होने के कारण प्रति हैंडपंप 70 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है।

सीईओ स्वर्णकार ने कहा कि पंचायत समितियों से मिली डिमांड के आधार पर नए हैंडपंपों के खनन को मंजूरी दी गई है। कुछ गांवों में हैंडपंप खनन का काम शुरू भी हो चुका है। उन्होंने विश्वास जताया कि एक अप्रैल तक सभी हैंडपंप स्थापित कर दिए जाएंगे। यह पहल जिले में पेयजल संकट को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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