रेहड़ी-थड़ी वालों का गुस्सा: भेदभाव के खिलाफ गांधी चौक पर धरना।

शहर में अतिक्रमण हटाने की मुहिम का विरोध, रेहड़ी वालों का गांधी चौक पर धरना

[शहर का नाम], [दिनांक]: नगर परिषद और यातायात पुलिस द्वारा शहर में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाने के अभियान का विरोध शुरू हो गया है। रेहड़ी-थड़ी वालों ने गांधी चौक पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

मंगलवार को नगर परिषद की टीम ने ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर प्राइवेट बस स्टैंड, पंचदेव और तीन नंबर रोड पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान सड़क सीमा में बने रैंप तोड़े गए और फल-सब्जी, चाय-नाश्ते की रेहड़ियों को जबरन हटाया गया।

नगर परिषद की इस कार्रवाई से रेहड़ी-थड़ी संचालकों में भारी आक्रोश है। उनका आरोप है कि प्रशासन ने मनमानी करते हुए केवल छोटे दुकानदारों पर कार्रवाई की, जबकि बड़े दुकानदारों और स्थायी अतिक्रमणों को नजरअंदाज कर दिया गया।

गांधी चौक पर धरना दे रहे रेहड़ी संचालकों में से मोहम्मद शरीफ ने कहा कि वे पिछले कई सालों से यहीं पर रेहड़ी लगा रहे हैं और उनका परिवार इसी रोजगार से चलता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अचानक कार्रवाई करके उनकी रोजी-रोटी छीन ली है। शरीफ ने चेतावनी दी कि जब तक प्रशासन रेहड़ी वालों को पुनर्वास के लिए 6 फुट की जगह निर्धारित नहीं करता, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होंगे और 8 मार्च को कलेक्ट्रेट पर बड़ा प्रदर्शन करेंगे।

प्राइवेट बस स्टैंड पर रेहड़ी लगाने वाले बंशीधर सैनी ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उनकी रेहड़ी जबरन ट्रक में डालकर उठा ली, जबकि अन्य कुछ दुकानदारों को वहीं छोड़ दिया गया। उन्होंने प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया।

अतिक्रमण अभियान के प्रभारी नगर परिषद के लेखाधिकारी जेपी लामोरिया ने कहा कि यह कार्रवाई शहर में यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि जो लोग यातायात बाधित करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी।

यातायात पुलिस थाना अधिकारी हरफूल मीणा ने बताया कि शहर को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन का मकसद किसी की रोजी-रोटी छीनना नहीं है, बल्कि शहर में सुगम यातायात व्यवस्था बनाए रखना है।

धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि:

1. रेहड़ी-पटरी वालों को 6 फुट की निर्धारित जगह दी जाए।
2. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सभी के लिए समान रूप से लागू की जाए।
3. जब तक वैकल्पिक स्थान नहीं दिया जाता, तब तक नगर परिषद किसी की रोजी-रोटी न छीने।

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