सवाई माधोपुर जिले में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध बजरी खनन और परिवहन पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, परंतु मित्रपुरा थाने के सामने से ही दर्जनों अवैध बजरी से लदे डंपर और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां रात के अंधेरे में निकलती हुई देखी गई हैं। यह घटना मित्रपुरा पुलिस की मिलीभगत को उजागर करती है, क्योंकि बजरी माफियाओं के चक्कर में पुलिसकर्मी अपनी वर्दी को कलंकित कर रहे हैं।
रात को थाना क्षेत्र में पुलिस गश्त करती है। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में अवैध बजरी से भरे वाहनों का थाने के सामने से गुजरना न केवल रात्रि गश्त पर बल्कि थाना प्रभारी की कार्यशैली पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। इस बात का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि मित्रपुरा थाने के सामने से करीब एक दर्जन अवैध बजरी से भरे डंपर दतवास की ओर जा रहे हैं, जिनके साथ 4-5 एस्कॉर्ट वाहन भी थे।
अवैध बजरी खनन या कानून-व्यवस्था को लेकर, मित्रपुरा जिला का सबसे चर्चा में रहने वाला थाना है। कुछ महीने पहले थाना प्रभारी के कार्यकाल में भी थाने के पास से डंपर निकलने का वीडियो सामने आया था, लेकिन उस समय भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। थाना प्रभारी की लगातार लापरवाही के बावजूद लापरवाह पुलिसकर्मियों और थाना प्रभारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण अब पुलिसकर्मी थाने के सामने से ही अवैध बजरी का परिवहन करवा रहे हैं।
थाने के सामने मित्रपुरा पंचायत की ओर से करीब 10 लाख रुपये की लागत से हाई मास्क लाइट लगाई गई है, जिसकी रोशनी में 200 मीटर तक साफ दिखाई देता है। जानकारी के अनुसार, जब डंपर थाने के सामने से निकलते हैं तो पहले लाइट बंद कर दी जाती है और डंपर निकल जाने के बाद लाइट चालू कर दी जाती है।
जिम्मेदारों का बयान:
इस मामले पर सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नीलकमल ने कहा कि एसपी ममता गुप्ता के निर्देशन में अवैध बजरी परिवहन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। सभी थानों पर विशेष रूप से सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं।