जयपुर में छठ पूजा की धूम, प्रताप नगर में भव्य तैयारी
अरुणोदय जन विकास परिषद के तत्वावधान में, जयपुर के प्रताप नगर में छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं। सेक्टर-15 के सामने, देहलावास बालाजी मंदिर के समक्ष हाउसिंग बोर्ड के मैदान में कार्य प्रगति पर है।
घाट निर्माण और साफ-सफाई जारी
सुबह से ही, जेसीबी मशीनों का उपयोग घाट निर्माण और मैदान की सफाई के लिए किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा सांगानेर के विधान सभा अध्यक्ष, प्रमोद पाठक ने जानकारी दी कि मंगलवार को नहाय-खाय के अनुष्ठान के साथ छठ महापर्व का शुभारंभ हो गया है।
राजधानी में कई घाटों की स्थापना
जयपुर के विभिन्न क्षेत्रों में छठ घाट बनाए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु गलता और आमेर भी जाते हैं। कई लोग अपने इलाकों में अस्थायी घाट भी स्थापित करते हैं।
प्रताप नगर में विशेष व्यवस्था
परिषद पिछले साल की तरह ही प्रताप नगर में व्यवस्था बनाने में जुटी हुई है। सेक्टर-15 के पास (देहलावास बालाजी मंदिर के सामने) पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के बड़ी संख्या में लोग छठ महापर्व के लिए आते हैं। व्रत रखने वाली महिलाएं उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
छठ: आस्था और शुद्धिकरण का त्योहार
प्रमोद पाठक ने कहा, “छठ महापर्व सच्ची आस्था, श्रद्धा और सात्विकता का संगम है। यह केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि खुद को शुद्ध और निर्मल बनाने का एक संकल्प है।”
नहाय-खाय से महापर्व की शुरुआत
नहाय-खाय के दिन से, व्रत रखने वाले अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी खाकर अपने आंतरिक शुद्धिकरण की यात्रा शुरू करते हैं। दूसरे दिन का निर्जला उपवास उन्हें अद्वितीय ऊर्जा और शुद्धता प्रदान करता है।
अघ्र्य देने का पावन क्षण
परिषद के अजय राय ने कहा, “अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का क्षण अविस्मरणीय होता है, जब व्रतियों की आत्माएं आस्था के सागर में विलीन हो जाती हैं। अगले दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व पूर्ण होता है।”
व्रतियों की सात्विकता प्रेरणादायी
छठ पूजा की तैयारियों में शामिल सुनील सिंह, विशेश्वर प्रसाद, सीताराम यादव, बैजनाथ प्रसाद और रामानंद मिश्रा ने कहा कि छठ के चार पवित्र दिनों में व्रत रखने वाली महिलाओं की सात्विकता अपने आप में एक प्रेरणा है।