अक्टूबर में भारी बारिश के साथ तापमान 40 डिग्री तक, नवंबर में आ सकती है सर्दी

राजस्थान का अक्टूबर का मौसम: नियंत्रित तापमान और रिकॉर्ड बारिश

जून से सितंबर तक मानसून की प्रचुर बारिश के बाद, राजस्थान में अक्टूबर में मौसम नियंत्रित रहा। इस महीने में रिकॉर्ड बारिश हुई, लेकिन रातें अपेक्षाकृत हल्की रहीं। पिछले दस वर्षों की रिपोर्ट बताती है कि इस सीजन में रात्रिकालीन तापमान कम रहा है।

अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में, दिन का तापमान घटने के बजाय बढ़ा और 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया। मौसम विशेषज्ञों का पूर्वानुमान है कि नवंबर में भी सर्दी देर से आएगी। सर्दी का प्रकोप नवंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह से शुरू होने की संभावना है, क्योंकि नवंबर के पहले सप्ताह तक कोई भी प्रबल पश्चिमी विक्षोभ आने की उम्मीद नहीं है।

हिल स्टेशन माउंट आबू में सबसे कम तापमान 12.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मैदानी इलाकों में, सीकर में 15.5 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडी रातें दर्ज की गईं। सीकर के अलावा, धौलपुर, हनुमानगढ़, फतेहपुर, करौली, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, अलवर, उदयपुर, पिलानी, टोंक, डूंगरपुर, चूरू सहित कई अन्य शहरों में भी रात का तापमान इस सीजन में 20 डिग्री सेल्सियस से कम रहा।

जहाँ तापमान 20 डिग्री से नीचे नहीं गिरा

जयपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, गंगानगर, बीकानेर और जोधपुर जैसे शहरों में, रात का तापमान इस सीजन में 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आया। पिछले 10 वर्षों में, यह पहला अवसर है जब इन शहरों में अक्टूबर में रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रहा है।

बारिश का रिकॉर्ड टूटा

इस अक्टूबर में हुई बारिश ने उदयपुर और बीकानेर में 10 साल पुराना बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 9-10 अक्टूबर के बीच, बीकानेर में 12 एमएम बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 10 वर्षों में अक्टूबर माह की अधिकतम बारिश है। इसी तरह, 13-14 अक्टूबर के बीच, उदयपुर में 100 एमएम से अधिक बारिश दर्ज की गई। उदयपुर जिले में अब तक अक्टूबर में सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है।

औसत से 30% कम बारिश

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में दो प्रमुख मौसमी प्रणालियों से राजस्थान में इस बार बारिश हुई। हालाँकि, कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया, जो आमतौर पर अक्टूबर में बारिश लाता है। इस बार यहाँ औसत बारिश 7.6 एमएम हुई, जो औसत 10.8 एमएम बारिश से लगभग 30% कम है।

नवंबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हो सकती है सर्दी

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित अन्य मैदानी राज्यों में तापमान उत्तरी हवाओं से गिरता है। जब उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड) में बर्फबारी होती है, तो वहाँ से आने वाली ठंडी हवाओं से मैदानी राज्यों में दिन और रात के तापमान में गिरावट आती है। पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी पश्चिमी विक्षोभ के कारण होती है। जितने अधिक पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, बर्फबारी उतनी ही अधिक होती है। पिछले सीजन में, जनवरी के मध्य में पश्चिमी विक्षोभ आने शुरू हुए, जिसके कारण पिछले सीजन में औसत से कम सर्दी पड़ी।

मौसम विशेषज्ञों ने इस सीजन में सर्दी की शुरुआत नवंबर के दूसरे सप्ताह से होने की संभावना जताई है, क्योंकि नवंबर के पहले सप्ताह तक उत्तर भारत में कोई बड़ा पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना नहीं है। दूसरे सप्ताह में, यदि कोई पश्चिमी विक्षोभ आता है, तो उसके प्रभाव से होने वाली बर्फबारी से राजस्थान में ठंड बढ़ेगी और दिन और रात के तापमान में गिरावट आएगी।

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