रुपयों के लेन-देन में विवाद के कारण एक युवक ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
रावतसर निवासी शेरसिंह बिश्नोई ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उनके भाई विनोद कुमार पशु खरीद-बिक्री का काम करते थे। 16 अक्टूबर को रमेश कुमार दईया नामक व्यक्ति ने विनोद से 72 हजार रुपये में एक भैंस खरीदी थी। दईया ने कहा था कि वह एक हफ्ते में भैंस बेचकर पैसे दे देगा।
हालांकि, जब विनोद और उनके साथी दौलतराम नाई ने एक हफ्ते बाद दईया से पैसे मांगे, तो दईया ने गुस्से में कहा कि उसने ठगी करके भैंस ली है और उसे अब न तो भैंस वापस देगा और न ही पैसे देगा।
इसके बाद, विनोद ने 29 अक्टूबर को रावतसर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसी दिन रात करीब 8.37 बजे, विनोद नोखवाल नामक व्यक्ति ने शेरसिंह को फोन किया और बताया कि विनोद इंदिरा गांधी नहर के पुलिया के पास कूद गया है।
नोखवाल ने यह भी बताया कि विनोद ने कूदने से पहले उन्हें फोन किया था और कहा था कि दईया उसके पैसे नहीं दे रहा है। उन्होंने नोखवाल से दईया से बात करने को कहा था और कहा था कि अगर दईया पैसे नहीं देता है, तो वह नहर में कूदकर अपनी जान दे देगा।
नोखवाल ने आगे कहा कि जब विनोद रावतसर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने गया था, तो कॉन्स्टेबल महेश कुमार ने कुलदीप गोस्वामी नामक व्यक्ति को फोन किया था। गोस्वामी ने कथित तौर पर कहा था कि विनोद बिश्नोई को जूते मारकर बाहर निकाल दो। कॉन्स्टेबल कुमार ने भी कहा था कि दो-तीन दिन बाद ही आना, तब तक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
शेरसिंह के अनुसार, उनके भाई विनोद रुपयों के न मिलने से परेशान थे, जिसके कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने रमेश दईया और कुलदीप गोस्वामी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।