राजस्थान में दीपावली के लिए मंदिरों को सजाने की जिम्मेदारी देवस्थान विभाग की
राजस्थान के देवस्थान विभाग ने इस दीपावली पर स्व-निर्भर और प्रत्यक्ष प्रभार श्रेणी के मंदिरों को सजाने की जिम्मेदारी ली। उदयपुर संभाग के लिए दायित्व देवस्थान सहायक आयुक्त कार्यालय ने संभाला।
चित्तौड़गढ़ में 10 मंदिरों को शामिल किया गया
इस परियोजना में चित्तौड़गढ़ जिले के 10 मंदिरों को शामिल किया गया, जिनमें शामिल हैं:
* दुर्ग का बाण माता मंदिर
* अन्नपूर्णा माता मंदिर
* मातृकुंडिया का मंगलेश्वर महादेव मंदिर
* राशमी का जानेश्वर महादेव मंदिर
* राशमी का रोशनेश्वर महादेव मंदिर
* राशमी का लक्ष्मी नारायण मंदिर
* कपासन का उमंड का श्री महादेव मंदिर
* जाश्मा का चतुर्भुज मंदिर
* जाश्मा का गणेश जी और हनुमान जी का मंदिर
* आकोला का चतुर्भुज मंदिर
* भदेसर का लक्ष्मी नारायण मंदिर
विनियोगित बजट और निर्धारित कार्य
बाण माता मंदिर और मंगलेश्वर महादेव मंदिर के लिए 1.5 लाख रुपये का बजट जारी किया गया, जबकि अन्य सभी मंदिरों के लिए 1 लाख 49 हजार 900 रुपये दिए गए।
निविदा के अनुसार, निम्नलिखित कार्य किए जाने थे:
* चमकदार और कृत्रिम फूलों से सजावट
* टॉवर और अन्य सजावट
* मिट्टी के दीपों से रोशनी
* विशेष आरती
* रोज 3 किलो मिठाई, 5 किलो देसी घी से बने प्रसाद, 5 किलो फल और पूजन सामग्री
* एक दिन का छप्पन भोग
* भजन संध्या
* बैनर लगाना
ठेकेदार का अपर्याप्त काम
हालाँकि, ठेकेदार (श्रीमती तीजा देवी वेलफेयर सोसाइटी, सलूंबर) द्वारा अधिकांश मंदिरों में अपर्याप्त काम किया गया। छोटे मंदिरों में कार्य को हल्के में लिया गया।
जिम्मेदारों की निष्क्रियता
हालांकि शिकायतें जिम्मेदारों तक पहुंचीं, लेकिन उन्होंने केवल ठेकेदारों से बातचीत कर मामले को समाप्त कर दिया। तीन दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
ठेकेदारों का पुजारियों पर दबाव
डेली भास्कर डिजिटल की जांच और जिम्मेदारों से संपर्क करने के बाद, ठेकेदार के एक व्यक्ति (कन्हैया लाल सालवी) ने सभी मंदिरों के पुजारियों को फोन करना शुरू कर दिया।
निर्धारित मानकों के अनुसार काम नहीं हुआ
निर्धारित मानकों के अनुसार, मंदिरों में कम से कम 50 सीरीज एलईडी लाइट, 10 हैलोजन लाइट, 10 फोकस कलर लाइट, 10 मैटेलिक कलर लाइट, 10 एप्पल बॉल लाइट, एक स्वागत द्वार, एक माइक सेट हॉर्न, जनरेटर, 10 कांच के झूमर और 50 मीटर लाइट पट्टियाँ लगाई जानी थीं।
आदेश का उल्लंघन
बाण माता मंदिर के पुजारी राजेश पालीवाल ने बताया कि मंदिर में फूलों की कोई सजावट नहीं हुई, मंदिर परिसर में टेंट या छाया की व्यवस्था नहीं है, और अपर्याप्त प्रसाद दिया गया।
मतृकुंडिया के मंगलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी रोशन पुरी ने कहा कि ओरिजिनल फूल नहीं लगाए गए, मंदिर परिसर में कोई छाया की व्यवस्था नहीं है, और दीपकों और प्रसाद के लिए केवल 5,000 रुपये दिए गए।
भदेसर के लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी लाल दास जी ने बताया कि केवल कुछ लाइटें लगाई गईं, कोई फूलों की सजावट नहीं हुई, और प्रसाद का पैसा नहीं दिया गया।
जिम्मेदारों की प्रतिक्रिया
प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार मीणा ने कहा कि नेगेटिव फीडबैक मिलने पर पेनल्टी लगेगी और पेमेंट रोक दिए जाएंगे।
उदयपुर के देवस्थान सहायक आयुक्त जतिन कुमार गांधी ने कहा कि अगर ठेकेदार ने उचित काम नहीं किया है तो कार्रवाई की जाएगी।
ठेकेदार के कर्मचारी कन्हैया लाल सालवी ने दावा किया कि सभी मंदिरों में अच्छा काम किया गया है और पुजारियों का फीडबैक गलत है।