कुंभलगढ़ राजस्थान का छठा टाइगर रिजर्व बनेगा
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने अगस्त 2023 में कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 10 विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया था, जिसने हाल ही में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
टाइगर रिजर्व में शामिल 5 जिलों में उदयपुर, राजसमंद, ब्यावर, पाली और सिरोही के कुछ क्षेत्र शामिल हैं। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 1397 वर्ग किमी होगा।
समिति के अध्यक्ष और मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), उदयपुर एसआर वेंकटेश्वर मूर्ति ने बताया कि कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व के लिए उदयपुर, राजसमंद, ब्यावर, पाली और सिरोही के कुछ क्षेत्रों में काम शुरू हो चुका है। NTCA को टाइगर रिजर्व स्थापित करने के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है। यह क्षेत्र बाघों के लिए एक उपयुक्त आवास है।
प्रारंभिक चरण में 4 बाघ लाए जाएंगे
मुख्य वन संरक्षक के अनुसार, यदि कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व को मंजूरी मिल जाती है, तो NTCA के निर्देशानुसार प्रारंभिक चरण में 4 बाघ लाए जाएंगे। उन्हें लगभग 2 वर्षों तक वन विभाग की निगरानी में रखा जाएगा, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी।
ग्रासलैंड का विकास और शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या
एसआर वेंकटेश्वर मूर्ति ने बताया कि टाइगर रिजर्व वाले क्षेत्र में ग्रासलैंड का विकास किया जा रहा है। इस पहल के तहत, चीतल और सांभर जैसे शाकाहारी वन्यजीवों के लिए रेंज में विशिष्ट बिंदु बनाए जा रहे हैं।
2024 की रिपोर्ट के अनुसार, कुंभलगढ़ सेंचुरी में 15,000 से अधिक शाकाहारी वन्यजीव हैं। इनमें चीतल, सांभर, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा, जंगली सुअर, लंगूर, जंगली मुर्गी और मोर शामिल हैं। यह क्षेत्र राजस्थान में शाकाहारी वन्यजीवों की सर्वाधिक संख्या वाला है।