मुहाना सिद्ध पीठ धाम के संत कमलेश महाराज के मार्गदर्शन में, गुरु पूर्णिमा महोत्सव का भव्य आयोजन मानसरोवर के मैजेस्टिक रिसॉर्ट में मंगलवार को हुआ।
प्रवक्ताओं नीरज और मोहित ने बताया कि वार्षिक परंपरा के अनुसार, इस वर्ष भी गुरु पूर्णिमा समारोह बड़े पैमाने पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आकर्षक भजन संध्या और स्वादिष्ट प्रसाद का आयोजन भी हुआ, जिसने भक्तों को आकर्षित किया।
महाराज कमलेश ने इस अवसर पर कहा, “भारतीय संस्कृति में, माता-पिता अपने बच्चों को जन्म से ही विभिन्न रूपों में गुरुओं से जोड़ते रहे हैं। चाहे वह शिक्षा हो, आध्यात्मिकता हो या जीवन को सार्थक बनाने की हो, गुरु हमारी परंपरा का अभिन्न अंग रहे हैं, सर्वोच्च स्थान पर हैं।”
उन्होंने कहा, “यहां तक कि जब ईश्वरीय अवतार भी हुए, तो उन्होंने भी गुरु के बिना अपने जीवन को पूर्ण नहीं माना। इसलिए, उन्हें भी गुरु सिद्धांतों से जोड़ा गया। गुरु का अर्थ केवल माला पहने हुए मठ में बैठना नहीं है, बल्कि वह है जो किसी व्यक्ति के जीवन को सही दिशा दिखाए और उसे उस मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करे।”
गुरु-शिष्य परंपरा को बनाए रखने में दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिष्य को अपनी गरिमा को बनाए रखना चाहिए, जबकि गुरु को भी अपनी गरिमा का पालन करना चाहिए। इस कार्यक्रम में मुंबई से जाने-माने निर्माता अमित बोकाडिया भी उपस्थित थे।