भारी प्रदूषण के लिए पाली के विधायक ने उठाई आवाज
पाली विधानसभा क्षेत्र के विधायक भीमराज भाटी ने राज्य विधानसभा में भारी प्रदूषण की समस्या को उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पाली के ट्रीटमेंट प्लांट संख्या चार और छह से पाइपलाइन के माध्यम से बांडी नदी में अनुपचारित पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी प्रदूषित हो रही है।
भाटी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल की जयपुर से आई टीम ने इस मामले का पता लगाया, लेकिन अभी तक किसी भी दोषी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। इससे पहले, सरकार के ऑडिट में CETP (कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) में 6.25 करोड़ रुपये के घोटाले का पता चला था, लेकिन किसी भी कलेक्टर ने अभी तक वसूली की कार्रवाई नहीं की है।
विधायक ने प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान सुझाया, जिसमें पाली से गुजरात के कच्छ रण तक पाइपलाइन बिछाकर प्रदूषित पानी को वहां छोड़ा जाना शामिल है। उन्होंने गुजरात की औद्योगिक इकाइयों के पानी के कच्छ रण में छोड़े जाने की प्रक्रिया का उदाहरण दिया।
भाटी ने CETP ट्रस्ट के अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जिसमें धोखाधड़ी और फौजदारी के मुकदमे दर्ज होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 60-65 करोड़ रुपये का कर्ज है, लेकिन “बड़े लोगों” के संरक्षण के कारण वह अपने पद पर बने हुए हैं। विधायक ने सवाल उठाया कि जिन पर मुकदमे चल रहे हैं, उन पर लाखों रुपये के फंड क्यों दिए जा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, भाटी ने ट्रीटमेंट प्लांट में पानी के उपचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों में घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदूषित पानी के उपचार के लिए केवल नाममात्र के रसायन इस्तेमाल किए जा रहे हैं, और बिना मानकों का पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की।
विधायक ने प्रदूषण के कारण किसानों की हज़ारों बीघा ज़मीन के खराब होने और उच्च न्यायालय के मुआवज़े देने के आदेश का पालन न होने की शिकायत की। उन्होंने सरदारसमंद, जवाई बांध और जिले के अन्य बांधों से निकलने वाली नहरों को पक्का करने का भी आह्वान किया, क्योंकि उनकी वर्तमान स्थिति खराब है।
अंत में, भाटी ने पेयजल की समस्या का समाधान सुझाया, जिसमें रोहट क्षेत्र के तालाबों और जवाई बांध के पानी का भंडारण शामिल है, ताकि गर्मी के मौसम में स्थानीय निवासियों को पीने के पानी की समस्या का सामना न करना पड़े।