Asam govt scraps Muslim Marriages Act

असम में मुस्लिम विवाह कानून रद्द

गुवाहाटी: असम सरकार ने मुस्लिम विवाह अधिनियम, 1939 को रद्द करने का बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी दी।

यह निर्णय तब लिया गया जब यह पाया गया कि मुस्लिम विवाह अधिनियम हिंदू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम से भेदभावपूर्ण था।

असम सरकार ने तर्क दिया कि मुस्लिम विवाह अधिनियम बहुविवाह की अनुमति देता है, जबकि हिंदू और विशेष विवाह अधिनियम बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाते हैं। इससे महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है।

सरकार ने यह भी कहा कि मुस्लिम विवाह अधिनियम केवल मुस्लिम पुरुषों को तलाक देने का अधिकार देता है, जबकि मुस्लिम महिलाओं को ऐसा अधिकार नहीं है। यह लैंगिक समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है।

असम सरकार का यह कदम असम के मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग से आलोचना का सामना कर रहा है। जामिया उलमा-ए-हिंद जैसे कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस निर्णय पर सवाल उठाया है।

हालांकि, सरकार ने अपने रुख पर कायम रहने का संकल्प जताया है। सरकार ने कहा है कि यह कदम असम में सभी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया गया है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

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