मासिक धर्म पर भ्रम दूर करने के लिए वैश्विक सोच ज़रूरी।

एआई युग में भी माहवारी से जुड़ी कुरीतियां कायम, भारत समेत कई देशों में व्याप्त

नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस आधुनिक युग में भी मासिक धर्म (माहवारी) से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां विश्व भर में व्याप्त हैं। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया, जापान और ब्राजील जैसे देशों में भी माहवारी को लेकर कई रूढ़िवादी मान्यताएं और सामाजिक वर्जनाएं आज भी मौजूद हैं।

अध्ययन में पाया गया कि कई देशों में महिलाओं को माहवारी के दौरान धार्मिक स्थलों में प्रवेश करने या कुछ खास खाद्य पदार्थों का सेवन करने से रोका जाता है। इसके अतिरिक्त, इस विषय पर खुलकर बात करने में झिझक और शर्म की भावना भी आम है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन कुरीतियों को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने और शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि माहवारी एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है और इसे लेकर किसी भी प्रकार का भेदभाव अनुचित है।

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