मध्यप्रदेश में चीतों की पहली अंतर्राज्यीय शिफ्टिंग, कूनो से गांधीसागर लाए जाएंगे दो नर चीते
भोपाल/श्योपुर/मंदसौर, [तारीख] | मध्यप्रदेश में वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राज्य सरकार पहली बार चीतों की अंतर्राज्यीय शिफ्टिंग करने जा रही है। इसके तहत, श्योपुर जिले के कूनो सैंक्चुरी से दो नर चीतों – पावक और प्रभास – को मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज शाम 4 बजे गांधीसागर अभयारण्य में इन दोनों चीतों को छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री नीमच जिले के रामपुरा होते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे, जहां वे क्षेत्र में कई विकास योजनाओं का भूमि पूजन और लोकार्पण भी करेंगे।
वन विभाग ने चीतों के लिए गांधीसागर अभयारण्य में 8900 हेक्टेयर का विशेष क्षेत्र तैयार किया है। वर्तमान में यहां 8 से 10 चीतों के रहने की व्यवस्था की गई है। धीरे-धीरे यहां चीतों का एक बड़ा कुनबा बसाया जाएगा। अभयारण्य में चीतों के भोजन के लिए 150 से अधिक चीतल, 80 से अधिक चिंकारा, 50 से अधिक व्हाइट बोर्ड और 50 से अधिक नीलगाय मौजूद हैं। इसके अलावा यहां हिरणों की भी अच्छी संख्या है।
गांधी सागर के 90 चीता मित्र कूनो में ट्रेंड हो चुके हैं। रेंजर अंकित सोनी ने बताया कि 40 प्रशिक्षित कर्मचारी चीतों की देखरेख करेंगे, जिनका प्रशिक्षण कूनो सैंक्चुरी में पूरा हो चुका है। सुरक्षा की दृष्टि से 90 चीता मित्र भी तैनात किए गए हैं। वन विभाग ने 16 किलोमीटर में एक परिक्षेत्र बनाया है, जिसमें चीतों को सुरक्षित रखा जाएगा। उनके लिए पानी की विशेष व्यवस्था की गई है और सैंक्चुरी एरिया में तालाब बनाए गए हैं।
मंदसौर के डीएफओ संजय रायखरे ने बताया कि गांधी सागर संसदीय क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है। चीतों के आने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। वन विभाग और प्रशासन ने कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। चीता प्रोजेक्ट में 34 किलोमीटर में तीन बाड़े बनाए गए हैं, जिनमें 16 किलोमीटर की परिधि में एक विशेष बाड़ा बनाया गया है, जहां चीतों को रखा जाएगा।
चीतों के स्वागत के लिए वन अमले से लेकर स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि उत्साहित हैं। गर्मी को देखते हुए पानी की विशेष व्यवस्था की गई है। चीतों के भोजन पानी की व्यवस्थाएं करने के लिए 2 साल से तैयारियां चल रही थीं।
कूनो सैंक्चुरी से दोनों चीतों को दो एयर कंडीशन व्हीकल्स में लेकर सीसीएफ और डॉक्टरों की टीम आज सुबह 8 बजे रवाना हुई। शाम करीब 4 बजे तक वे गांधी सागर पहुंचेंगे। सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा, डॉक्टर ओंकार अचल सहित 20 लोगों की टीम चीतों की देखरेख के लिए उनके साथ जाएगी। यह टीम गांधीसागर बांध में करीब 7 दिन तक रुककर वहां इन चीतों की देखरेख करेगी और गांधीसागर के स्टाफ को चीतों की देखरेख के गुर सिखाएगी।
कूनो नेशनल पार्क से चीतों को जिन दो वाहनों में ले जाया गया, उनको सैनिटाइज कर दिया गया है। इसके साथ ही पिंजरों को भी तैयार कर लिया गया है। चीतों को सुबह पिंजरों में बंद किया गया। दक्षिण अफ्रीका से जिन पिंजरों में चीतों को लाया गया था, उन्हीं के जरिए इन्हें गांधीसागर ले जाया जाएगा।
सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा के अनुसार, चीतों को बाय-रोड भेजा गया है। उन्हें पहुंचने में 8 घंटे तक लगेंगे, इसीलिए उनके साथ इमरजेंसी सुविधाओं वाले वाहन और टीम भी रहेगी। चीते बिना रुके सफर करते हुए गांधी सागर नेशनल पार्क पहुंचेंगे। यहां इन्हें 6 वर्ग किमी के बाड़े में छोड़ा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जिन दोनों चीतों को कूनो नेशनल पार्क से गांधी सागर ले जाया जा रहा है, वह दोनों 2023 से बाड़े में बंद हैं। उन्हें जुलाई 2023 में पकड़ कर बाड़े में बंद कर दिया गया था, क्योंकि तत्समय चीतों की गर्दन में इंफेक्शन होने से कुछ चीतों की मौत हो गई थी।
इन दोनों चीतों के कूनो नेशनल पार्क से जाने के बाद यहां 24 चीते रह जाएंगे, जिनमें 13 भारतीय और 11 विदेशी चीते शामिल हैं। इन 24 में से 17 फिलहाल कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में दौड़ लगा रहे हैं।