राजनीतिक स्वार्थों के लिए असुरक्षा की भावना भड़काई गई, दंगों का कारण बनी
नई दिल्ली: राजनीतिक हितों को साधने के लिए समाज में असुरक्षा की भावना पैदा करना दंगों और सांप्रदायिक झगड़ों की प्रमुख वजह रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों और स्वार्थी तत्वों द्वारा पुराने धार्मिक मुद्दों को उठाकर नागरिकों की भावनाओं का दोहन किया जाता है।
सूत्रों के अनुसार, निहित स्वार्थों वाले समूह जानबूझकर साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाते हैं, जिससे समाज में विभाजन पैदा होता है। इस रणनीति के तहत, ऐतिहासिक धार्मिक मुद्दों को तूल देकर लोगों को एक-दूसरे के विरुद्ध भड़काया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा और अराजकता फैलती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नागरिकों को जागरूक होना और दुष्प्रचार से बचना चाहिए। साथ ही, सरकार और प्रशासन को भी ऐसी ताकतों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए जो राजनीतिक लाभ के लिए समाज में अशांति फैलाती हैं।