नागपुर हिंसा: ‘सामना’ का भाजपा और फडणवीस पर लगातार दूसरे दिन हमला, ‘छावा’ फिल्म पर ठीकरा फोड़ने पर उठाए सवाल
मुंबई, 20 मार्च: शिवसेना (उद्धव गुट) के मुखपत्र ‘सामना’ ने नागपुर हिंसा को लेकर लगातार दूसरे दिन भाजपा और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखे हमले किए हैं। ‘सामना’ में प्रकाशित लेख में मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा नागपुर दंगों का ठीकरा ‘छावा’ फिल्म पर फोड़ने को उनके मनोबल में कमी का संकेत बताया गया है।
लेख में पूछा गया है कि क्या मुख्यमंत्री ‘छावा’ फिल्म के निर्माता, निर्देशक और औरंगजेब की भूमिका निभाने वाले कलाकार के खिलाफ मुकदमा करेंगे? क्योंकि उनके अनुसार दंगे ‘छावा’ फिल्म की वजह से हुए हैं। ‘सामना’ ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ने खुद ‘छावा’ फिल्म के विशेष शो आयोजित किए थे और भाजपा व संघ परिवार की ओर से भी इसका प्रचार किया गया था।
‘सामना’ के लेख में तीन प्रमुख बातें:
1. चीन-पाकिस्तान के खिलाफ भाजपा का खून नहीं खौलता: ‘सामना’ ने भाजपा पर चीन और पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाया। लेख में कहा गया है कि पुलवामा हमले और लद्दाख में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों के सिर कलम करने की घटनाओं के बावजूद भाजपा का खून नहीं खौला और विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल जैसे संगठन पाकिस्तानियों के तंबू उखाड़ने के लिए आगे नहीं आए।
2. भारत में युवा मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढ रहे: लेख में देश के युवाओं को मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढने में लगाए जाने पर चिंता व्यक्त की गई। ‘सामना’ ने कहा कि जहाँ चीन आधुनिक तकनीक में आगे बढ़ रहा है, वहीं भारत में युवाओं को मस्जिदों की नींव खोदने और औरंगजेब की कब्र खोदने जैसे कामों में लगाया जा रहा है।
3. मोदी ने युवाओं के हाथों में पत्थर थमा दिए: ‘सामना’ ने प्रधानमंत्री मोदी पर युवाओं के हाथों में कुदाल, फावड़े और पत्थर थमा देने का आरोप लगाया। लेख में कहा गया है कि देश का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री इस पर कुछ नहीं बोलते हैं।
‘सामना’ ने 18 मार्च को प्रकाशित एक लेख में भाजपा पर छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
‘सामना’ ने नागपुर हिंसा पर सवाल उठाते हुए कहा कि फडणवीस के गृह मंत्रालय संभालने के बावजूद दंगाइयों को शहर में घुसने और आगजनी करने की अनुमति कैसे मिली।
नागपुर हिंसा: बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया
नागपुर हिंसा मामले में बांग्लादेश कनेक्शन सामने आया है। सोशल मीडिया पर एक धमकी भरे पोस्ट में भविष्य में और बड़े दंगे होने की चेतावनी दी गई थी। साइबर सेल ने अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने के मामले में 34 सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्रवाई की है और 10 एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस ने मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान समेत 84 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें आठ विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने सोशल मीडिया पर भ्रामक वीडियो प्रसारित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि जलाई गई चादर पर कुरान की आयत नहीं थी और जानबूझकर हिंसा फैलाई गई। उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा और पुलिस पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
औरंगजेब विवाद की शुरुआत
पूरा विवाद समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी के बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं और वह क्रूर शासक नहीं था। आजमी को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है।
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग की है, जिसका मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी समर्थन किया है।
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा है कि औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का स्मारक है।