कलर थेरेपी: रंगों से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
नई दिल्ली: आधुनिक जीवनशैली में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां प्रचलित हैं। इनमें से एक है कलर थेरेपी, जिसे क्रोमोथेरेपी के नाम से भी जाना जाता है।
कलर थेरेपी रंगों के माध्यम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रयास करती है। इस पद्धति में रंगों का उपयोग शरीर और मन को संतुलित करने और विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रत्येक रंग एक विशेष ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, जो शरीर के विभिन्न अंगों और मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
कलर थेरेपी का उपयोग तनाव कम करने, नींद में सुधार लाने, दर्द निवारण और मनोदशा को बेहतर बनाने में किया जा सकता है। हालांकि, इस थेरेपी की प्रभावशीलता पर वैज्ञानिक अनुसंधान अभी भी जारी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कलर थेरेपी को प्रशिक्षित चिकित्सकों की देखरेख में ही अपनाया जाना चाहिए।