बांदा की शहजादी को अबू धाबी में सुपुर्द-ए-खाक, परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की
बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली शहजादी, जिसे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फांसी दी गई थी, को अबू धाबी में दफना दिया गया है। 6 मार्च को हुए अंतिम संस्कार की तस्वीरें उनके परिवार को भेजी गई हैं। शहजादी की कब्र का नंबर A7S1954 है।
उन्हें 15 फरवरी को अल बाथवा जेल में फांसी दी गई थी। यूएई के कानून के अनुसार, जिन्हें मौत की सजा दी जाती है, उनके शव उनके देश वापस नहीं भेजे जाते, बल्कि वहीं दफनाए जाते हैं।
शहजादी के पिता शब्बीर अहमद ने आरोपी उजैर को क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल उठाते हुए इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि उजैर ने ही शहजादी को दुबई में बेचा था। हालांकि, यूपी पुलिस ने उसे जांच में निर्दोष पाया है।
मृत्युदंड की जानकारी और अंतिम संस्कार:
शहजादी को फांसी दिए जाने की जानकारी 28 फरवरी को भारतीय दूतावास को मिली थी, जिसके बाद 2 मार्च को यह जानकारी परिवार को दी गई। दूतावास ने परिवार को यह भी बताया कि यूएई ने शहजादी का शव देने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने 3 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट को इसकी जानकारी दी थी।
क्या था मामला:
शहजादी पर एक चार महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था और वह दो साल से अबू धाबी की जेल में बंद थी। अदालत ने चार महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी।
पिता ने सीबीआई जांच की मांग की:
शब्बीर अहमद ने सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए और अबू धाबी में उनकी बेटी का जो सामान है, वह उन्हें दिलाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि उजैर ने उनकी बेटी को धोखे से दुबई ले जाकर उसके रिश्तेदारों को बेच दिया था।
शहजादी की अंतिम इच्छा:
शहजादी ने फांसी से पहले अपने माता-पिता से बात करने की इच्छा जताई थी। अपनी अंतिम कॉल में उसने कहा था कि अब इस कोर्ट-कचहरी के चक्कर में मत पड़ना। मुझे भूल जाना और किसी से कोई शिकायत नहीं है।
पृष्ठभूमि:
शहजादी बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली थी। दुबई जाने से पहले वह एक सामाजिक संस्था में काम करती थी। 2021 में उसका संपर्क आगरा के उजैर से हुआ, जिसने उसे प्रेम जाल में फंसाकर इलाज के नाम पर दुबई में बेच दिया। वहां उसे प्रताड़ित किया गया और एक बच्चे की मौत के आरोप में जेल भेज दिया गया।