महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव: अजित पवार ने “बंटेंगे तो कटेंगे” नारे का किया विरोध
डिप्टी सीएम और भाजपा-शिवसेना गठबंधन महायुति में शामिल अजित पवार ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और झारखंड में चलने वाला “बंटेंगे तो कटेंगे” का नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। उन्होंने कहा, “हम इस नारे का समर्थन नहीं करते। हमारा नारा है- सबका साथ सबका विकास।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झारखंड और महाराष्ट्र की रैलियों में “बंटेंगे तो कटेंगे” और “एक रहेंगे तो नेक रहेंगे” का नारा दिया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी चुनावी रैलियों में “एक रहेंगे सेफ रहेंगे” का नारा दिया है।
पवार ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, “दूसरे राज्यों के भाजपा के मुख्यमंत्री तय करें कि उन्हें क्या बोलना है। महाराष्ट्र में बाहर के लोग आकर ऐसी बातें बोल जाते हैं। हम महायुति में एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग है। हो सकता है कि दूसरे राज्यों में यह सब चलता हो, लेकिन महाराष्ट्र में ये काम नहीं करता।”
शिवसेना का बयान
अजित पवार के बयान पर शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय निरूपम ने कहा, “योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि अगर आप बिखर जाते हैं, तो कमजोर हो जाते हैं। अगर आप एकजुट रहते हैं, तो मजबूत रहते हैं। अजित दादा आज नहीं समझ रहे हैं, आगे समझ जाएंगे। ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ ये लाइन बिल्कुल चलेगी। अजित दादा को समझना पड़ेगा।”
विपक्ष की आलोचना
भाजपा के नारे की न केवल अजित पवार बल्कि विपक्ष की ओर से भी आलोचना की गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने विशेष रूप से नारे की निंदा करते हुए कहा है कि यह एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “योगी के मुंह में राम है और बगल में छुरी है। योगी साधु की कपड़े में आते हैं और फिर बोलते हैं कि बटेंगे तो कटेंगे। बांटने वाले भी वो ही हैं और काटने वाले भी वो ही हैं।”