राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा को धूमिल करना और लोगों को उपदेश देना अब एक प्रचलित शौक बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का व्यवहार देश में अराजकता फैला सकता है।
संविधान पर हमले रोकने के लिए कदम जरूरी: उपराष्ट्रपति
