न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विशनथन की पीठ ने शुक्रवार को एक आदेश में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा व्यक्तिगत स्वायत्तता के महत्व पर बल दिया है। पीठ ने कहा कि हम जमानत याचिकाओं को सालों तक लंबित रखने की प्रथा को सही नहीं मानते हैं।
बेल याचिका पर फैसला लेने में देरी से मौलिक अधिकारों पर असर
