हृदय रोग का खतरा युवाओं में भी बढ़ता जा रहा है
हृदय रोग का खतरा अब केवल बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि सभी उम्र के लोगों में तेजी से बढ़ता जा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि लाइफस्टाइल और आहार संबंधी गड़बड़ियां इस समस्या के बढ़ने के प्रमुख कारण हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, अनियमित दिनचर्या, जैसे कि देर से सोना और अनियमित भोजन, शरीर के हृदय-संवहनी तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके अलावा, अस्वास्थ्यकर आहार, जैसे कि प्रोसेस्ड फूड और चीनी-मीठी पेय पदार्थों के अत्यधिक सेवन से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन भी हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं संकीर्ण होती हैं, जबकि अधिक शराब का सेवन उच्च रक्तचाप और अनियमित दिल की धड़कन का कारण बन सकता है।
व्यायाम की कमी भी हृदय रोग के बढ़ते जोखिम में योगदान करती है। नियमित व्यायाम हृदय को मजबूत करता है और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है।
डॉक्टरों ने युवाओं से अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत होने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। इसमें स्वस्थ आहार का सेवन करना, नियमित रूप से व्यायाम करना, धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना और पर्याप्त नींद लेना शामिल है।