वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार डिजाइन की गई ऑफिस टेबल उत्पादकता और सफलता को बढ़ा सकती है
हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया है कि वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार डिज़ाइन की गई ऑफिस टेबल कर्मचारियों की उत्पादकता और कंपनी की समग्र सफलता को बढ़ा सकती हैं।
वास्तु प्राचीन भारतीय वास्तुशास्त्र का एक विज्ञान है जो ऊर्जा के प्रवाह और भौतिक वातावरण पर उसके प्रभाव पर केंद्रित है। वास्तु के अनुसार, ऑफिस टेबल का डिज़ाइन और स्थान व्यक्ति की ऊर्जा के स्तर और समग्र कल्याण को प्रभावित कर सकता है।
वास्तु विशेषज्ञों का सुझाव है कि ऑफिस टेबल को निम्नलिखित दिशानिर्देशों के अनुसार व्यवस्थित किया जाना चाहिए:
* दिशा: टेबल को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें। ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह के लिए अनुकूल मानी जाती हैं।
* आकार: आयताकार या वर्गाकार टेबल सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है। इन आकृतियों में स्थिरता और संतुलन होता है।
* ऊंचाई: टेबल की ऊंचाई व्यक्ति की ऊंचाई के अनुसार होनी चाहिए। आदर्श रूप से, व्यक्ति को बिना झुके या नीचे देखे आराम से टेबल पर काम करने में सक्षम होना चाहिए।
* दराज: टेबल में दराज होना चाहिए क्योंकि वे गुप्तता और भंडारण स्थान प्रदान करते हैं। दराज को टेबल के दाईं ओर रखना शुभ माना जाता है।
* रंग: हरे, पीले या नीले जैसे शांत रंग ऑफिस टेबल के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। ये रंग शांति, सद्भाव और उत्पादकता को बढ़ावा देते हैं।
अध्ययन में पाया गया कि वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार डिजाइन की गई ऑफिस टेबल में काम करने वाले कर्मचारियों में तनाव का स्तर कम था, उत्पादकता अधिक थी और समग्र कल्याण बेहतर था।
वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि ऑफिस टेबल का वातावरण पर एक शक्तिशाली प्रभाव पड़ सकता है। एक अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई टेबल सकारात्मक ऊर्जा को प्रवाहित करती है, जो व्यक्तिगत विकास, सफलता और समग्र व्यवसाय की सफलता को बढ़ावा देती है।