Budget 2024: Survival over Relief

बजट 2023: आम लोगों को प्रत्यक्ष राहत की कमी से निराशा

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज वर्ष का सातवां बजट पेश किया। जबकि बजट को आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला दूरगामी बजट माना जा रहा है, आम लोगों को बजट से तत्काल बड़ी राहत मिलने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।

बजट में आम आदमी के लिए प्रत्यक्ष कर छूट या भत्ते में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इसके बजाय, विभिन्न क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है, जैसे कि बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा।

आम लोगों के बीच निराशा साफ नजर आ रही है, जो बढ़ती महंगाई और ऊंची आय के बोझ से जूझ रहे हैं। कई लोगों ने बजट को “मध्यम वर्ग विरोधी” बताते हुए आलोचना की है।

विपक्षी दलों ने भी बजट की आलोचना की है, जिसमें कांग्रेस ने इसे “गरीबों और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात” करार दिया है।

बजट के लंबे समय तक चलने वाले प्रभावों पर अभी बहस चल रही है। कुछ अर्थशास्त्रियों का तर्क है कि पूंजीगत व्यय में वृद्धि से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, जबकि अन्य चिंतित हैं कि इससे राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है।

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