बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद, राजनीतिक गलियारों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी: ‘समृद्धि की राह का बजट’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को “समृद्धि की राह पर ले जाने वाला” बताया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं और यह बजट युवाओं को अनगिनत नए अवसर प्रदान करेगा।
विपक्ष: ‘सरकार बचाओ बजट’, ‘भविष्य के लिए कोई रोडमैप नहीं’
विपक्षी दलों ने बजट को “सरकार बचाओ बजट” बताते हुए आलोचना की है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि बजट में सहयोगी दलों का तुष्टिकरण किया गया है और इसमें भविष्य के लिए कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना है कि बजट आम लोगों के मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहा। उन्होंने महंगाई और बेरोजगारी से निपटने के लिए पर्याप्त उपायों की कमी पर निराशा व्यक्त की।
बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष धनराशि
बजट में, बिहार को इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य परियोजनाओं के लिए 58,900 करोड़ रुपये और आंध्र प्रदेश को नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। विपक्ष ने इस कदम को “भाई-भतीजावाद” करार दिया है, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस फैसले का स्वागत किया है।
नई नौकरियां और युवा इंटर्नशिप कार्यक्रम
बजट में 4 लाख युवाओं के लिए एक नई युवा इंटर्नशिप योजना की घोषणा की गई है। विपक्ष ने इस पहल को कांग्रेस के “पहली नौकरी पक्की” कार्यक्रम की नकल बताते हुए आलोचना की है।
महिला सांसदों से आलोचना
शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि बजट सरकार को अगले 5 वर्षों तक चलाने के लिए सहयोगी दलों को खुश करने के लिए तैयार किया गया है।
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि बजट महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपायों से रहित है। उन्होंने सरकार पर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की क्रय शक्ति में गिरावट की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया।