ई-कॉमर्स हब स्थापित करने का बजट प्रस्ताव: निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित होंगे, एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच मिलेगी

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और पारंपरिक कारीगरों को वैश्विक बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में मदद करने के लिए ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

ये केंद्र सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर काम करेंगे, जिससे उद्यमों को अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपनी उपस्थिति स्थापित करने, ऑनलाइन मार्केटिंग और लॉजिस्टिक्स सहायता प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

सीतारमण ने कहा, “ये केंद्र एमएसएमई और कारीगरों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत करने, उनके उत्पादों को बढ़ावा देने और निर्यात बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”

सरकार का उद्देश्य इन केंद्रों के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र के निर्यात को बढ़ाना है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के एक महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। इन केंद्रों से पारंपरिक कारीगरों को अपने उत्पादों को वैश्विक बाजारों में प्रदर्शित करने और बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी।

केंद्रों की स्थापना के लिए स्थानों और भागीदारों की पहचान की जा रही है, और परिचालन जल्द ही शुरू होने की संभावना है।

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