बजट प्रस्तुति पर प्रतिक्रियाएं: ‘पीएम बचाओ योजना’ से ‘आशावाद की भावना’ तक
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन अपना सातवां बजट पेश किया। बजट पर देश भर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
विपक्ष का आरोप: ‘पीएम बचाओ योजना’
विपक्षी नेताओं ने बजट को “पीएम बचाओ योजना” करार दिया है। इस संदर्भ में, I.N.I.D.A ब्लॉक से जुड़े नेताओं ने आरोप लगाया है कि बजट का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को गिरने से बचाना है।
भाजपा की प्रशंसा: ‘आशावाद की भावना’
गृह मंत्री अमित शाह ने बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार में “आशावाद की नई भावना” पैदा करेगा।
यूपी का निराशा: ‘कुछ नहीं मिला’
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बजट पर निराशा व्यक्त की, यह कहते हुए कि प्रधानमंत्री के गृह राज्य उत्तर प्रदेश को कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं मिला।
कांग्रेस की आलोचना: ‘डरा हुआ बजट’
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बजट को “नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से डरा हुआ बजट” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का अपना कोई विजन नहीं है।
अन्य प्रतिक्रियाएं:
GDP ग्रोथ अनुमान: आर्थिक सर्वेक्षण ने वित्त वर्ष 2025 के लिए GDP ग्रोथ 6.5 से 7% रहने का अनुमान लगाया है।
रोजगार सृजन: सर्वेक्षण से पता चलता है कि बढ़ती कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने के लिए सालाना लगभग 78.5 लाख नौकरियां पैदा करने की आवश्यकता है।
संसद में हंगामा: बहस के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ, विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार की आलोचना की।
प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना: प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के हंगामे की आलोचना करते हुए कहा कि संसद “देश के लिए” है, न कि राजनीतिक दलों के लिए।
NEET गड़बड़ी पर बहस: लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान NEET परीक्षा की गड़बड़ी पर हंगामे के बाद, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सरकार अदालत के निर्देशों का पालन करेगी।