हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने राजनीति में प्रवेश किया
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) चढूनी गुट के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ नामक एक राजनीतिक दल बनाया है। रोहतक में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घोषणा के साथ, चढूनी ने हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की अपनी योजना का खुलासा किया।
गठबंधन संभावनाओं पर चढूनी ने कहा कि उनकी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रति “नरम रुख” रखती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसी भी स्थिति में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या जजपा (जेजेपी) से गठबंधन नहीं करेंगे। चढूनी ने कहा कि उनकी पार्टी फिलहाल किसी भी अन्य पार्टी से बातचीत में नहीं है और सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।
राजनीतिक दलों की आलोचना
चढूनी ने राजनीतिक दलों पर “चौधर” और “पैसा कमाने” के लिए चुनाव लड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल कॉर्पोरेट हितों के “मोहरे” बन गए हैं। संयुक्त संघर्ष पार्टी के गठन का उद्देश्य आम जनता के मुद्दों को सड़कों और सदन दोनों में उठाना है। उन्होंने लोगों से इस नए राजनीतिक उद्यम में शामिल होने और देश की भलाई के लिए लड़ने का आह्वान किया।
सीट साझाकरण संभावनाएं
चढूनी ने कहा कि उनकी पार्टी ने जजपा या भाजपा के साथ गठबंधन की संभावना को खारिज कर दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे इनेलो और कांग्रेस की स्थिति का आकलन करने के बाद सीटों की साझेदारी पर विचार करने को तैयार हैं।
चढूनी ने भाजपा और कांग्रेस पर राजनीतिक हमले भी किए। उन्होंने कहा कि पहले भाजपा उन पर कांग्रेस के इशारे पर आंदोलन करने का आरोप लगाती थी, जबकि अब कांग्रेस उन पर भाजपा के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगा रही है ताकि कांग्रेस को कमजोर किया जा सके।