हरियाणा: RTE के तहत गरीब बच्चों के दाखिले में आनाकानी, 3134 निजी स्कूलों पर शिक्षा मंत्री सख्त
चंडीगढ़, [दिनांक]: हरियाणा में राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों के दाखिले में 3134 निजी स्कूलों द्वारा प्रक्रिया शुरू न करने पर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने शिक्षा विभाग को ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
स्कूलों के ढुलमुल रवैये को देखते हुए विभाग ने आरटीई के तहत गरीब बच्चों के दाखिले की अंतिम तिथि को चार दिन बढ़ाकर 25 अप्रैल कर दिया है। इससे पहले विभाग दो बार दाखिले की तारीख बढ़ा चुका है।
हरियाणा में कुल 10701 निजी स्कूल हैं, जिनमें से 3134 स्कूलों ने अभी तक सीटों का विवरण नहीं दिया है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने तीसरी बार आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के दाखिले के लिए पोर्टल खोला है।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार एचआईवी प्रभावित, विशेष जरूरत वाले बच्चे और युद्ध विधवा के बच्चों सहित गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिला मिलेगा। कुल सीटों में कम से कम 8% अनुसूचित जाति, 4% पिछड़ा वर्ग-ए और 2.5% पिछड़ा वर्ग-बी के लिए आरक्षित करना अनिवार्य है। दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन पहली कक्षा में ही स्वीकार किए जाएंगे।
शिकायत मिलने पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों को मूल दस्तावेजों की प्रति संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए हैं। खंड शिक्षा अधिकारी दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद आवेदन स्वीकार या अस्वीकार करेंगे। सत्यापन के बाद सही पाए गए आवेदनों की सूची विभागीय वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी, जिसके बाद लॉटरी प्रक्रिया के तहत स्कूलों का आवंटन होगा। दस्तावेजों में भिन्नता पाए जाने पर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा आवेदन रद्द किया जा सकता है।