जींद में अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई में भेदभाव का आरोप
जींद, 18 मई: जींद के कैथल रोड पर जिला नगर योजनाकार विभाग द्वारा अवैध कॉलोनियों में की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई पर भेदभाव के आरोप लगे हैं। टेंपरेरी दुकान, ढाबा और गोशाला चलाने वालों का कहना है कि उन्हें कार्रवाई से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही समान रूप से कार्रवाई की गई।
पीड़ितों का आरोप है कि मुख्य रोड पर स्थित पक्की दुकानों को छोड़ दिया गया, जबकि उनकी कच्ची दुकानों और कृषि भूमि की सुरक्षा के लिए बनी चारदीवारी को तोड़ दिया गया। कैथल रोड निवासी सतीश ठेकेदार, कर्मबीर अहलावत, जयदीप, शीलू, तरुण कटारिया और पारस ने बताया कि कैथल रोड पर कृषि भूमि है, जहां कुछ लोग खेती कर रहे हैं, तो कुछ ने पंचर की दुकान, चाय की दुकान का खोखा, टेंपरेरी ढाबा और गोशाला के लिए तूड़ी का स्टॉक रखने के लिए टीन का स्ट्रक्चर बनाया हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिला नगर योजनाकार विभाग की टीम ने जेसीबी की सहायता से उनके स्ट्रक्चर, चारदीवारी और खोखे तोड़ दिए और उन्हें सामान उठाने का भी मौका नहीं दिया गया। पीड़ितों का कहना है कि तोड़फोड़ से पहले नोटिस देना होता है, लेकिन उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें गायों को निकालने तक का मौका नहीं दिया गया, जिससे उनकी एक गाय भाग गई।
पीड़ितों ने जिला नगर योजनाकार विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कॉलोनी अवैध है, तो सभी दुकानों को क्यों नहीं तोड़ा गया। उन्होंने इस मामले में डीसी से मिलने की बात भी कही है।
गौरतलब है कि वीरवार को जिला नगर योजनाकार विभाग ने कैथल रोड पर फ्लाईओवर से निकलने के बाद कंडेला की तरफ जाते समय हाईवे के दोनों तरफ अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनियों को ढहाया था। इस कार्रवाई में चार एकड़ में विकसित की गई दो कॉलोनियों में करीब 7 दुकानें, तीन स्ट्रक्चर, चारदीवारी, 8 डीपीसी, 140 फीट के करीब चारदीवारी और 120 मीटर के करीब कच्चे रास्ते को तोड़ा गया था।
जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) अंजू का कहना है कि कॉलोनी विकसित करने वालों को पहले नोटिस जारी किए गए थे।