72 घंटे पहले किसानों को हटाने की योजना, टकराव टालने हेतु बैठक का दिन चुना गया।

शंभू और खनौरी बॉर्डर 13 महीने बाद खाली, आवाजाही जल्द शुरू होने की उम्मीद

चंडीगढ़, 20 मार्च: पंजाब पुलिस ने आज शंभू और खनौरी बॉर्डर को 13 महीने बाद खाली करा लिया। दोनों बॉर्डर से सीमेंट की बैरिकेडिंग हटाने का काम जारी है और शाम तक वाहनों की आवाजाही शुरू होने की संभावना है।

पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को ही बॉर्डर खाली कराने का फैसला टकराव से बचने के लिए लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, योजना 72 घंटे पहले ही बना ली गई थी। पुलिस ने किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों की मीटिंग वाले दिन को चुना, क्योंकि उन्हें पता था कि किसान आंदोलन के बड़े चेहरे सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल मीटिंग के लिए चंडीगढ़ आएंगे, जिससे बॉर्डरों से किसानों को हटाने में आसानी होगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जगह खाली कराने और रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश के बाद पंजाब सरकार ने पुलिस को हर हाल में टकराव रोकने के आदेश दिए थे। किसान आंदोलन को लेकर मान सरकार की आलोचना हो रही थी और बड़े कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा था।

पुलिस ने पहले योजना बनाई, जिसमें 2 आईएएस अधिकारी और 4 आईपीएस अधिकारी शामिल हुए। योजना के तहत कमांडो बटालियन के साथ 1,500 पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए। पुलिस को आदेश थे कि जैसे ही किसान नेता मोहाली में प्रवेश करें, उन्हें हिरासत में ले लिया जाए, लेकिन उन्हें पुलिस स्टेशनों में नहीं, बल्कि बड़े ट्रेनिंग सेंटर में रखा जाए।

18-19 फरवरी की रात करीब 1 बजे तक संगरूर समेत अन्य स्थानों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अगुआई में पुलिसबल तैनात कर दिया गया। सुबह 4 बजे किसान नेताओं को इसकी भनक लग चुकी थी, लेकिन वे बैठक की तैयारियों में व्यस्त थे। मोबाइल नेटवर्क भी बंद किए गए।

19 फरवरी दोपहर को चंडीगढ़ में केंद्र के साथ किसान नेताओं की बैठक चल रही थी, तब राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार योजना को लागू करने में जुटी थीं। जैसे ही मीटिंग के बाद किसान नेता निकले तो उन्हें हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू की गई।

बुधवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों से मीटिंग से पहले किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने कहा था कि पंजाब पुलिस ने अचानक शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस फोर्स बढ़ा दी है।

चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सातवें दौर की बातचीत हुई। मीटिंग में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी शामिल थे। मीटिंग में किसान संगठन MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी के कानून की मांग पर अड़े रहे। वार्ता 4 मई को दोबारा करने पर सहमति बनी।

मीटिंग में पंजाब सरकार ने किसानों को बॉर्डर खाली करने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। जिसके बाद मीटिंग से लौट रहे सर‌वण पंधेर को मोहाली में एयरपोर्ट रोड पर पुलिस ने घेर लिया। वहीं जगजीत डल्लेवाल एम्बुलेंस में खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, पुलिस ने उन्हें संगरूर में घेर लिया। अन्य किसान नेताओं को भी हिरासत में लिया गया।

शाम करीब 8 बजे पंजाब पुलिस ने दोनों बॉर्डरों को खाली करना शुरू कर दिया। बॉर्डरों पर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। किसानों को यहां हटाकर उनके शेडों और टेटों पर बुलडोजर चलाया गया।

पटियाला के SSP नानक सिंह ने कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने उन्हें चेतावनी देने के बाद इलाके को खाली करा दिया। किसानों ने अच्छा सहयोग किया।

हरियाणा पुलिस भी गुरुवार सुबह से शंभू-खनौरी बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटा रही है। किसान आंदोलन के चलते पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर ये बैरिकेडिंग की गई थी।

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