करनाल में मिड-डे मील कर्मियों का प्रदर्शन: स्थायी नौकरी और वेतन वृद्धि की मांग

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मिड-डे मील वर्कर्स का प्रदर्शन, मांगों को लेकर सड़कों पर उतरीं

[शहर का नाम], [तारीख] आज देशभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की धूम रही, वहीं [शहर का नाम] में मिड-डे मील वर्कर यूनियन की महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। महिला कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला सचिवालय में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा।

यूनियन की मुख्य मांगें कच्चे कर्मचारियों को स्थायी करने और न्यूनतम वेतन निर्धारित करने से संबंधित थीं। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार पर आशा कार्यकर्ताओं, मिड-डे मील कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के शोषण का आरोप लगाया। उनका कहना था कि एक तरफ सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ इन महिला कार्यकर्ताओं को उचित वेतन और भत्ते भी नहीं दिए जा रहे हैं।

यूनियन की जिला सचिव संतोष ने कहा कि सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो देती है, लेकिन वास्तविकता इससे अलग है। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला कार्यकर्ताओं पर काम का बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा है, जबकि वेतन में कटौती की जा रही है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें, जिनमें कच्चे कर्मचारियों को स्थायी करना और न्यूनतम वेतन निर्धारित करना शामिल है, जल्द ही नहीं मानी गईं, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से उनकी मांगें लंबित हैं और बार-बार आग्रह करने के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

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