भिवानी में मिड-डे-मील वर्करों का प्रदर्शन, मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी
भिवानी, [दिनांक]: भिवानी में शनिवार को मिड-डे-मील वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। शहर के नेहरू पार्क में एकत्रित होकर वर्करों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की।
जिला प्रधान राजबाला ने कहा कि मिड-डे-मील वर्करों को मात्र 7 हजार रुपए वेतन दिया जाता है, जिसमें से भी एक हजार रुपए काट लिए जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें समय पर वेतन भी नहीं मिलता, जिससे गरीब परिवारों से आने वाली महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से सभी महिलाओं को समय पर वेतन देने की मांग की और कहा कि एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है।
मिड-डे-मील वर्करों ने मुख्यमंत्री से ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्याओं के जल्द समाधान की मांग की। उन्होंने बताया कि उन्हें साल में केवल 10 महीने का ही वेतन दिया जाता है, जबकि अन्य कर्मचारियों को 12 महीने का वेतन मिलता है। वर्कर दो दशक से भी अधिक समय से नियमित करने और न्यूनतम वेतन देने की मांग कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सेवानिवृत्ति पर उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता, जबकि अन्य कर्मचारियों को मिलता है।
प्रमुख मांगें:
* मिड-डे मील कुक-कम-हैल्परों को नियमित सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
* कम से कम प्रांत में लागू न्यूनतम वेतन दिया जाए।
* मिड-डे मील कर्मियों को मानदेय हर माह की 7 तारीख तक दिया जाए। साल में 10 माह की बजाय 12 महीने का मिले। गर्मी व सर्दी की छुट्टियों के पैसे ना काटे जाएं।
* स्कूल समायोजन पर कुक-कम-हैल्परों का भी समायोजन किया जाए।
* ड्रेस की राशि 2000 रुपए दी जाए और इसका भुगतान शीघ्र किया जाए।
* कुक-कम-हैल्परों की रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए।
* रिटायरमेंट पर 5 लाख रुपए की एकमुश्त आर्थिक राशि प्रदान की जाए।
* कुक-कम-हैल्पर से ड्यूटी से बाहर के काम ना लिए जाएं और सम्मानजनक व्यवहार किया जाए।
* 15 बच्चों पर एक कुक-कम-हैल्पर की नियुक्ति लागू की जाए।
* सालाना 20 दिन का अवकाश लागू किया जाए।
वर्करों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को समय रहते पूरा नहीं किया गया तो वे अपना विरोध प्रदर्शन और तेज करने को मजबूर होंगी।