ब्लॉक समिति सदस्यों ने चेयरमैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

रोहतक: ब्लॉक समिति सदस्यों का चेयरमैन पर ढाई करोड़ के भुगतान में भ्रष्टाचार का आरोप

रोहतक, हरियाणा – रोहतक जिले में ब्लॉक समिति के सदस्यों ने चेयरमैन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सदस्यों ने चेयरमैन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2022 से पहले करवाए गए कामों का करीब ढाई करोड़ रुपए का भुगतान अब किया है, जो नियमों के विरुद्ध है। सदस्यों का कहना है कि इस वजह से गांवों में विकास कार्यों के लिए पर्याप्त बजट नहीं बचा है।

ब्लॉक समिति सदस्य खुशीराम ने मीडिया को बताया कि 2022 से पहले के कार्यकाल में जिन गांवों में काम हुआ, उसका भुगतान उसी कार्यकाल में होना चाहिए था। लेकिन चेयरमैन द्वारा अब पुराने कार्यों का भुगतान किया जा रहा है, जिसमें भ्रष्टाचार की आशंका है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ काम तो हुए ही नहीं हैं और उनका भी भुगतान कर दिया गया है, जिसकी जांच होनी चाहिए।

इस मामले को लेकर ब्लॉक समिति के 30 सदस्यों में से 16 सदस्यों ने मीटिंग का बहिष्कार किया। उनका कहना है कि पहले इस मामले की जांच होनी चाहिए, उसके बाद ही मीटिंग में भाग लेंगे। बीडीपीओ ने सदस्यों को आश्वासन दिया है कि मामले में अगले दो से तीन दिनों में जांच शुरू कर दी जाएगी।

खुशीराम ने चेयरमैन सुनील पर चुनाव के दौरान झूठा शपथपत्र देने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि चेयरमैन ने शपथपत्र में जानकारी छिपाई कि उनके ऊपर कोई केस दर्ज नहीं है, जबकि 2019 में एक मामला दर्ज हुआ था और अदालत में केस चल रहा है। इसके अतिरिक्त, एक मामला पंचकुला में भी दर्ज होने की जानकारी मिली है, जिसकी जांच की जा रही है।

सदस्यों ने सरकार द्वारा आवंटित 34 लाख रुपए के बजट पर भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि इतने कम बजट में ब्लॉक समिति के अंतर्गत आने वाले 48 गांवों में विकास कार्य कैसे कराए जा सकते हैं। उन्होंने 40 लाख रुपए के आरसीसी पाइप दबाने के एक मामले की भी जांच की मांग की है, जिसमें आरोप है कि पाइप कहां दबाए गए, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।

आरोपों पर सफाई देते हुए ब्लॉक समिति चेयरमैन सुनील ने कहा कि 2022 से पहले के कार्यों का भुगतान सीईओ के आदेश से किया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने अपने कार्यकाल में जनसंवाद के दौरान एक लेटर जारी किया था, जिसमें पहले के कार्यों की जांच जेई, एसडीओ, और बीडीपीओ से करवाकर सीईओ को जानकारी देने के निर्देश थे। सीईओ के लेटर के बाद ही भुगतान किया गया है।

सुनील ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके ऊपर कोई केस दर्ज नहीं है। उन्होंने स्वीकार किया कि एक मामला अदालत में है, लेकिन उसमें कोई सजा नहीं हुई है और मामला जल्द ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि लड़ाई-झगड़े के मुकदमे तो कोई भी दर्ज करवा सकता है। उन्होंने बताया कि ब्लॉक समिति की मीटिंग जीपीडीपी के तहत विकास कार्यों के लिए बुलाई गई थी, जिसकी योजना तैयार करवाकर गांवों में विकास कार्य करवाए जाएंगे।

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