हरियाणा के जींद जिले की सफीदों विधानसभा से विधायक रामकुमार गौतम एक बार फिर से निराशा व्यक्त करते हुए नज़र आए। मंत्री पद नहीं मिलने से आहत विधायक गौतम अपने गृहक्षेत्र नारनौंद पहुंचे। यहां पहुंचने पर उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान गौतम ने चुनावी दौर में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर किए हमलों के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते तो भाजपा की कभी सरकार नहीं बनती।
गौतम ने कहा, “हुड्डा एक अच्छे इंसान हैं। उनकी नसों में अपने पिता चौधरी रणबीर सिंह के देशभक्त खून बहता है। मैं उनका बुरा नहीं सोचता। लेकिन मैं उनके खिलाफ नहीं बोलता तो भाजपा सरकार कभी नहीं बन पाती।”
उन्होंने कहा, “मैंने 2 जमा 2 का पहाड़ा पढ़ा। मुझे उनके खिलाफ ऐसी बातें कहनी पड़ीं जो मुझे नहीं कहनी चाहिए थी। उनको भी बुरा लगा होगा। मैंने ऐसी बातें कीं जिससे उन्हें लगा होगा कि मैंने उनका क्या बिगाड़ दिया था। लेकिन मैं यह समझाने की कोशिश में लगा रहा था कि अगर भाजपा को वोट दोगे तो ये फायदे होंगे और अगर कांग्रेस को वोट दोगे तो ये नुकसान होंगे। मैं इस हद तक चला गया कि जो मुझे शोभा नहीं देता। अगर मैं इस लेवल पर नहीं जाता तो भाजपा की सरकार नहीं बनती। चाहे जो भी कितना भी राजी हो रहा हो, सपने में भी नहीं आती।”
गौतम ने लोगों को समझाने की कोशिश की और कहा कि नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने से 36 भाईचारों का काम हो जाएगा। उन्होंने कहा, “नायब सैनी ट्रंप कार्ड थे। गरीब लोगों में इससे एक मैसेज गया। सैनी और पिछड़े वर्ग के गरीब मेरे जैसे लोगों और टिकटों को भाजपा ने समझदारी से बांटा।”
गौरतलब है कि रामकुमार गौतम 10 साल से मंत्री पद की दौड़ में हैं। इससे पहले वह 2019 में जजपा के टिकट पर नारनौंद से चुनाव लड़े और जीते लेकिन जजपा कोटे से मंत्री नहीं बन पाए। तब इनका दुष्यंत चौटाला से विवाद हो गया और उन्होंने चौटाला के खिलाफ काफी भला-बुरा भी कहा। मंत्री नहीं बनाए जाने के खिलाफ उन्होंने कई बार बयानबाजी की। इसके बाद वह 2024 में चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में आने के बाद वह सफीदों विधानसभा से चुनाव लड़े और जीते लेकिन इस बार भी भाजपा ने उन्हें मंत्री नहीं बनाया।