हरियाणा में शीतकालीन सत्र 13 नवंबर से शुरू हो रहा है, लेकिन संभावना है कि यह बिना नेता प्रतिपक्ष के ही चलेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को रोहतक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का संकेत दिया। जब उनसे कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हमने एक प्रस्ताव पारित करके भेज दिया है। जो भी फैसला होगा, पार्टी करेगी। मुझे लगता है कि महाराष्ट्र चुनाव के बाद ही इसका फैसला होगा, क्योंकि अभी सभी महाराष्ट्र चुनाव में व्यस्त हैं। बाकी पार्टी आलाकमान तय करेगा।”
नेता प्रतिपक्ष के बिना विधानसभा सत्र चलने के सवाल पर हुड्डा ने कहा, “विपक्ष में हम हैं। 37 विधायकों का मजबूत विपक्ष है। अभी तो विधानसभा सत्र बिना प्रश्नकाल के हो रहा है।”
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद वह अपने हलकों में बैठकें करके कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, “हम चुनाव हारे हैं, लड़ाई नहीं, आगे मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मेहनत से चुनाव लड़ा। रिजल्ट अच्छा आया, वोट प्रतिशत बराबर रहा।”
उन्होंने कहा कि हार के कारणों की जांच के लिए करण दलाल के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है।
रोहतक के विधायक भारत भूषण बत्रा ने भाजपा पर चुनाव में पैसे बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने एक वीडियो दिखाते हुए कहा कि भाजपा ने रोहतक में चुनाव प्रभावित करने के लिए पैसे बांटे।
इस बीच, हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बालमुकुंद शर्मा ने दावा किया है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के लिए केवल दो नामों पर विचार किया जा रहा है – अशोक अरोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई।