चंडीगढ़ पुलिस के कॉन्स्टेबल को एनआरआई फँसाने के मामले में मिली जमानत
चंडीगढ़ की एक अदालत ने एनआरआई को फंसाने और अवैध वसूली के आरोप में गिरफ्तार हुए चंडीगढ़ पुलिस के कॉन्स्टेबल बलविंदर सिंह को जमानत दे दी है। इस मामले में उनकी सह-आरोपी महिला को डेढ़ महीने पहले ही जमानत मिल चुकी थी।
जानकारी के अनुसार, सेक्टर-17 थाना पुलिस ने कॉन्स्टेबल बलविंदर और महिला को तीन महीने पहले एनआरआई की कार में अफीम रखने और उसे डरा-धमकाकर पैसे वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कॉन्स्टेबल के वकील सुनील दीक्षित ने अदालत में दावा किया कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कॉन्स्टेबल बलविंदर सिंह 2009 से पुलिस सेवा में हैं और उनके खिलाफ अब तक कोई शिकायत नहीं रही है।
कॉन्स्टेबल की जमानत का सरकारी पक्ष ने विरोध किया, लेकिन अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कॉन्स्टेबल बलविंदर सिंह को जमानत दे दी।
केस की घटना
2 मई की घटना में सेक्टर-68 के निवासी जसपाल सिंह चीमा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। चीमा ने बताया कि वे अमेरिका में रहते हैं और 2 मई को भारत आए थे। हरिंदर कौर पिछले छह साल से उनके घर की देखभाल कर रही थी। 18 जुलाई को वे हरिंदर के साथ अपनी गाड़ी से सेक्टर-22 की मार्केट में शॉपिंग करने गए। उन्होंने किरण सिनेमा की पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर दी।
जब वे शॉपिंग कर लौटे तो रात करीब 9.40 बजे दो शख्स उनके पास आए। इनमें से एक पुलिस की वर्दी पहने था जिस पर बलविंदर सिंह नाम की प्लेट लगी थी। बलविंदर ने उनकी गाड़ी की तलाशी लेने की कोशिश की और कहा कि उनके खिलाफ नशा तस्करी का मामला बनेगा।
चीमा ने कहा कि ये पैकेट उनका नहीं है। इसी दौरान उनकी महिला मित्र हरिंदर ने पुलिसकर्मी से बातचीत शुरू कर दी और अपनी एक सहेली और जीजा को मदद के लिए बुला लिया।
पुलिसकर्मी ने पहले सात लाख रुपये की मांग की, लेकिन बाद में तीन लाख पर राजी हो गया। हरिंदर कौर ने चीमा का एटीएम लिया और उसमें से 40 हजार रुपए निकालकर बलविंदर को दे दिए।
चीमा को अगले दिन शक हुआ कि उनके साथ साजिश के साथ धोखाधड़ी की जा रही है, जिसमें बलविंदर के साथ हरिंदर, रिया और करण भी मिले हुए हैं। ऐसे में चीमा ने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने जांच के बाद बलविंदर और हरिंदर को गिरफ्तार कर लिया था।